केंद्र सरकार ने जलवायु कार्यकर्ता की सोनम वांगचुक से जुड़ी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का विदेशी फंडिंग लाइसेंस को रद्द कर दिया है। गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है। मंत्रालय का कहना है कि SECMOL ने विदेशी और स्थानीय धन का गलत इस्तेमाल किया गया है और लेखा विवरण में पारदर्शिता की कमी पाई गई।
गृह सचिव ने NGO को भेजा NOTICE
गृह मंत्रालय ने 20 अगस्त 2025 को SECMOL को शो-कॉज नोटिस जारी किया था, जिसमें पूछा गया कि नियमों के उल्लंघन के कारण उसका FCRA लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। 10 सितंबर को मंत्रालय ने नोटिस का अनुस्मारक भेजा। संस्था ने 19 सितंबर को अपना जवाब दिया, लेकिन मंत्रालय को इसका जवाब संतोषजनक नहीं लगा। जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं, जिनके आधार पर लाइसेंस रद्द कर दिया गया।
नियमों का किया बार- बार उल्लंघन
SECMOL को सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए विदेशी योगदान प्राप्त करने की अनुमति दी थी। संस्था को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नंबर 152710012R के तहत विदेशी दान स्वीकार करने की वैधता थी। हालांकि, मंत्रालय ने पाया कि संस्था ने FCRA नियमों का बार-बार उल्लंघन किया।
मंत्रालय की जांच में क्या पाया गया
- स्थानीय धन का गलत इस्तेमाल
वित्तीय वर्ष 2020-21 में तीन व्यक्तियों द्वारा जमा 54,600 रुपये को गलती से FCRA खाते में डाला गया।
- विदेशी दान का गलत विवरण
वित्तीय वर्ष 2021-22 में सोनम वांगचुक से प्राप्त 3.35 लाख रुपये का योगदान FCRA खाते में सही तरीके से दर्ज नहीं किया गया।
- लेखा विवरण में की कमी
संस्था ने विदेशी दान के उपयोग का उचित लेखा-जोखा पेश नहीं किया।
क्यों उठाया यह बड़ा कदम
गृह मंत्रालय ने इन उल्लंघनों को गंभीर मानते हुए SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम विदेशी योगदान के दुरुपयोग को रोकने के लिए बहुत ही जरूरी था। इस कार्रवाई से संस्था अब विदेशी फंडिंग प्राप्त नहीं कर सकेगी। यह कदम लेह में हाल की हिंसा के बाद चर्चा में आए सोनम वांगचुक और उनकी गतिविधियों पर केंद्र सरकार की सख्ती को दर्शाता है।
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