शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद ने अयोध्या के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर में हुई बैठक के बाद कहा है
कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देता है, हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में हम कोर्ट के फैसले को मानने के साथ ही सभी से शांति बनाए रखने की अपील करेंगे।
ऑल इंडिया सूफी सज्जादनशीं काउंसिल के चेयरमैन सैयर नसेरुद्दीन चिश्ती ने कहा, ‘बैठक में इस बात पर एक मत था कि सभी धर्मों के लोगों को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानना चाहिए। हम सभी दरगाहों को लोगों से अपील करते हुए इस बात के निर्देश देंगे कि अफवाहों और झूठी ख़बरों पर यकीन न किया जाए।’
इस बैठक में भाजपा की तरफ से शहनवाज हुसैन, आरएसएस की ओर से संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, रामलाल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुखिया मौलाना सैयद अरशद मदनी और शिया मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद, फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली समेत कई अन्य बुद्धिजीवी भी मौजूद रहे।
अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सैयद गयरूल हसन रिजवी ने बताया
एक समुदाय के रूप में मुस्लिमों ने ऐसे कई टर्निंग पॉइंट्स मिस कर दिए जब इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जा सकता था। यह एक हिंदू बहुल देश है और राम मंदिर आस्था का विषय है। मुस्लिमों को इस मुद्दे को मस्जिद और मंदिर से ऊपर उठकर देखने की जरूरत है।’ भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष अब्दुल राशिद अंसारी कहते हैं कि इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य समुदाय विशेष को यह बताना है कि सोशल मीडिया संदेशों के जरिए किसी को भी उत्तेजित नहीं होने देना है।