भोपाल। मध्यप्रदेश बीजेपी अब पूरी तरह से अपने नेताओं को अनुशासन और सलीके की ट्रेनिंग देने में जुट गई है। पचमढ़ी की हरी-भरी वादियों में 14 से 16 जून तक बीजेपी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस बार का शिविर सिर्फ संगठन और विचारधारा की पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नेताओं को “बोलने की मर्यादा” और “बयानबाजी से बचने” की भी गहराई से सीख दी जाएगी।
बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो हाल के दिनों में कई सांसदों और विधायकों के विवादित बयानों ने पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है। सार्वजनिक मंचों पर दिए गए गैर-जिम्मेदाराना बयानों से पार्टी की फजीहत हो रही है, जिसे अब गंभीरता से लिया गया है। यही कारण है कि इस प्रशिक्षण शिविर में नेताओं को न केवल चुनाव जीतने के गुर सिखाए जाएंगे, बल्कि कैसे संयमित, मर्यादित और प्रभावशाली तरीके से बोलें, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

अमित शाह देंगे जीत और अनुशासन का मंत्र
शिविर का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जिन्हें पार्टी के रणनीतिकार और ‘चाणक्य’ के रूप में जाना जाता है। अमित शाह नेताओं को न केवल पार्टी की विचारधारा और संगठनात्मक मजबूती के बारे में मार्गदर्शन देंगे, बल्कि बोलने की मर्यादा और बिना सोच-समझ कर दिए गए बयानों से बचने की भी सीख देंगे। बीजेपी का मानना है कि एक गलत बयान चुनावी समीकरण बिगाड़ सकता है।
तीन सत्र, तीन बड़े विषय
शिविर में पहले सत्र में ‘हमारा विचार और पंच निष्ठा’ पर चर्चा होगी, जिसमें प्रदेश प्रभारी महेन्द्र सिंह और वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव शामिल होंगे। दूसरे सत्र में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सांसद बंशीलाल गुर्जर पार्टी की कार्यशैली और चुनावी तैयारियों पर बात करेंगे। तीसरे सत्र में ‘शताब्दी वर्ष योजना’ और ‘पंच परिवर्तन’ पर स्वप्निल कुलकर्णी और भगवान दास सबनानी अपनी प्रस्तुति देंगे।
अनुभव के आधार पर ग्रुपिंग
नेताओं को तीन ग्रुप में बांटा जाएगा –
- पहली और दूसरी बार के विधायक: सुधीर गुप्ता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा मार्गदर्शन करेंगे।
- वरिष्ठ विधायक: उपमुख्यमंत्री डॉ. राजेन्द्र शुक्ला, विधायक प्रदीप लारिया और हरिशंकर खटीक संवाद करेंगे।
- सांसद (राज्यसभा और लोकसभा): केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक और राज्य मंत्री दुर्गादास उईके से मार्गदर्शन मिलेगा।

योग, नेतृत्व और भाषा की क्लास
शिविर में हर दिन की शुरुआत सुबह 6 बजे सामूहिक योग और ध्यान से होगी। इसके साथ ही नेताओं को नेतृत्व कौशल, समय प्रबंधन, जनता से जुड़ने के सही तरीके और मीडिया से संवाद करने के नियम भी सिखाए जाएंगे। नेताओं को यह सख्त हिदायत दी जाएगी कि वे बिना सोच-विचार के कोई भी बयानबाजी न करें।
यह प्रशिक्षण शिविर बीजेपी के लिए चुनावी तैयारी से कहीं ज्यादा, नेताओं की सार्वजनिक छवि सुधारने और पार्टी अनुशासन मजबूत करने का बड़ा मिशन बन गया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस ट्रेनिंग के बाद बीजेपी नेताओं के बोलने का अंदाज कितना बदलता है।