मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह (Digvijay Singh and Govind Singh) ने टिकट वितरण के तरीके पर आपत्ति जताते हुए बैठक छोड़ दी। इस घटना के बाद कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर घमासान देखने को मिल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने टिकट वितरण के लिए एक सर्वे कराया था। इस सर्वे में दिग्विजय सिंह और गोविंद सिंह के समर्थकों को टिकट नहीं मिलने की संभावना थी। इस बात से नाराज होकर दिग्विजय सिंह और गोविंद सिंह ने बैठक छोड़ दी।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि सर्वे के नाम पर कमलनाथ अपने चहेतो के टिकट फाइनल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र का मजाक बनाया जा रहा है।
गोविंद सिंह ने कहा कि टिकट वितरण में पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एक गुट विशेष का वर्चस्व है।
इस घटना के बाद कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर बड़ी अनिश्चितता पैदा हो गई है। यह देखना होगा कि कांग्रेस इस मामले को कैसे सुलझाती है और अपनी पहली सूची कब जारी करती है।
मुख्य बिंदु:
दिग्विजय सिंह और गोविंद सिंह ने टिकट वितरण के तरीके पर आपत्ति जताते हुए बैठक छोड़ दी।
दिग्विजय सिंह का कहना है कि सर्वे के नाम पर कमलनाथ अपने चहेतो के टिकट फाइनल कर रहे हैं।
गोविंद सिंह का कहना है कि टिकट वितरण में पारदर्शिता नहीं है।
यह घटना मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। दिग्विजय सिंह और गोविंद सिंह पार्टी के दो दिग्गज नेता हैं। उनकी नाराजगी से कांग्रेस को चुनाव में नुकसान हो सकता है।