भोपाल:
मध्य प्रदेश में साइबर ठगी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मध्य प्रदेश एसटीएफ (STF) ने 2,283 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले दो बड़े साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग देशभर में फैले एक बड़े गिरोह का हिस्सा थे, जो आम लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक खातों से मोटी रकम उड़ा रहे थे।
कैसे करते थे ठगी?
इन ठगों का नेटवर्क बेहद हाईटेक और खतरनाक था। ये खुद को पुलिस अधिकारी, बैंक मैनेजर या किसी बड़ी एजेंसी का अफसर बताकर लोगों को फोन करते थे। फिर “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर लोगों से उनके बैंक अकाउंट की जानकारी और ओटीपी (OTP) ले लेते थे। जैसे ही लोग डरते, इनके गिरोह के लोग फटाफट उनके खातों से पैसे उड़ा लेते थे।
म्यूल अकाउंट और क्रिप्टो में पैसा ट्रांसफर
- ठगी की रकम म्यूल अकाउंट (फर्जी बैंक खातों) और क्रिप्टोकरेंसी में तुरंत ट्रांसफर कर दी जाती थी, ताकि पुलिस पकड़ न सके।
- गिरोह ने ऑनलाइन गेमिंग और फेक इन्वेस्टमेंट प्लान के नाम पर भी लोगों से करोड़ों रुपये ठगे।
STF की बड़ी कार्रवाई
- STF की 15 टीमों ने मिलकर देश के अलग-अलग शहरों में छापेमारी की।
- मास्टरमाइंड मोहम्मद मासूक (गुरुग्राम) और साजिद खान (सतना) को गिरफ्तार किया गया है।
- इनके पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, QR कोड, फर्जी दस्तावेज और बैंक पासबुक भी बरामद किए गए हैं।
MP में बढ़ रहा साइबर क्राइम
- बीते दो साल में MP में 992 से ज्यादा साइबर अपराध दर्ज हुए हैं।
- ठगी की कुल रकम करीब 152 करोड़ रुपये रही, लेकिन अब तक सिर्फ 18 करोड़ रुपये ही वापस मिल सके हैं।
- डिजिटल अरेस्ट जैसे मामलों में लोगों से करीब 12.6 करोड़ रुपये ठगे जा चुके हैं, लेकिन रिकवरी बहुत कम हो पाई है।