MP News । चुनाव को एक महीने से ज्यादा और परिणाम आए पखवाड़ा पूरा होने को है। लेकिन भाजपा को मिली बंपर जीत में शामिल दिग्गजों ने मंत्रीमंडल विस्तार की राह रोक रखी है। बड़े नेताओं को दी जाने वाली भूमिका पर असमंजस में घिरे केंद्रीय नेतृत्व से मंत्रीमंडल विस्तार में देरी गहराती जा रही है। हालांकि गुरुवार को दोबारा हुए मंथन के बाद इस बात की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि प्रदेश मंत्रीमंडल को जल्दी आकार मिल जाएगा। इधर छत्तीसगढ़ में तय हो चुके मंत्रियों के नामों के बाद भी इसके आसार बढ़ने लगे हैं।
मप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद शुरू हुए बदलाव दौर में पहली गाज प्रदेश में सबसे लंबे समय सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान पर गिरी है। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा शुरू से अपनाई गई रणनीति के तहत उनकी जगह डॉ मोहन यादव (Mohan Yadav) पर भरोसा जताया है। जातिगत समीकरण साधने के लिहाज से दो उप मुख्यमंत्री वाली व्यवस्था कायम करते हुए दो सीनियर नेताओं राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को भी उनके साथ एडजस्ट कर दिया गया है।
अब इनकी भूमिका पर संशय
khaber Aaj ki : मप्र विधानसभा में पहली बार केंद्र के दिग्गज नेताओं को मैदान दिया गया था। इसमें कई केंद्रीय मंत्री और आधा दर्जन से ज्यादा सांसद शामिल हैं। इक्का दुक्का को छोड़कर इन सभी नेताओं ने जीत का परचम लहराया है। नई सरकार में इन वरिष्ठों को समायोजित करने की गरज से पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बना दिया गया है। लेकिन उनके बाद भी पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत आधा दर्जन सांसद अपनी भूमिका तय होने की राह तक रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इनमें से कुछ को संगठन में जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जबकि कुछ के लिए सरकार में जगह बनाई जाएगी।
रुकी हुई है गति
मंत्रीमंडल विस्तार के इंतजार में नई सरकार की गतिविधियां फिलहाल ठहरी हुई हैं। हालांकि नए सीएम डॉ मोहन यादव ने पहले ही दिन से मोर्चा सम्हालते हुए कुछ आदेश और फैसले देना शुरू कर दिए हैं। लेकिन विभागीय जिम्मेदारियां तय होने के बाद ही विकास और कार्यगति की उम्मीद की जा सकती है।
खान अशु