MP News। भारत के लोकतंत्र की दुनिया में मिसाल दी जाती है। इसका अनुसरण कई देशों में किया जाता है। सत्ता और विपक्ष देश की उन्नति के लिए दो पटरियां हैं। आज भारत की चुनाव प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आधुनिक देशों ने ईवीएम को त्याग दिया है। आज देश में जिस तरह के चुनाव परिणाम आते हैं, उस पर लोगों को भरोसा नहीं होता है। आज लोकतंत्र खतरे में है।
नवागत पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने ये बात कही। एआईसीसी के आह्वान पर प्रदेशभर में कांग्रेस ने सांसदों के निलंबन पर शुक्रवार को प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन किया। राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर भी धरना प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस के नव-नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे संबोधित किया। उनके अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला प्रदर्शन है।
इस मौके पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और उप नेता हेमंत कटारे सहित कई नेता मौजूद थे।
बढ़ गया दल-बदल
इस मौके पर पटवारी ने कहा कि मोदी के आने के बाद जनप्रतिनिधियों का दल-बदल बढ़ गया है। पिछले सत्र में विधानसभा में मुझे गलत तरीके से निलंबित किया था। ये लोकतंत्र की हत्या है। भाजपा में अंदर भी लोकतंत्र नहीं बची है। वहां भी मोदी की तानाशाही चल रही है। भाजपा का पिछला घोषणा पत्र ही पूरा नहीं हुआ। 18 हजार से अधिक घोषणा अधूरा है, हम लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे।
एआईसीसी का था निर्देश
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं सांसद केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश इकाइयों को निर्देशित करते हुए कहा था कि केंद्र की भाजपा सरकार ने लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला कर आश्चर्यजनक रूप से संसद के राज्यसभा और लोकसभा के दोनों सदनों के 1,497 सांसदों को निलंबित कर लोकतंत्र के साथ घिनौना कृत्य किया है। इंडिया एलायंस पार्टियों की बैठक में सर्वसम्मति से पारित निर्णय अनुसार, देश की सभी प्रदेश कांग्रेस इकाइयों में 22 दिसंबर को भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदेश एवं जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पटवारी ने लिखा था पत्र
एआईसीसी के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने प्रदेश के सभी जिला/शहर कांग्रेस अध्यक्षों, जिला प्रभारियों, मोर्चा संगठनों और विभागों के अध्यक्षों को भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए निर्देशित करते हुए कहा था कि उक्त प्रदर्शन को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश, जिला, ब्लॉक पदाधिकारी, सांसद, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनिधि, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि, मोर्चा संगठन, विभागों, प्रकोष्ठों के जिला एवं प्रदेश पदाधिकारी, वरिष्ठ कांग्रेसजनों एवं कार्यकर्ताओं की अधिकाधिक उपस्थिति के लिए कहा था।