लोकसभा चुनाव 2024 में एक मुद्दा वॉशिंग मशीन का भी बना था। हम आपके या हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाली वॉशिंग मशीन की बात नहीं कर रहे हैं। ये मशीन BJP की वॉशिंग मशीन थी। विपक्ष ने लोकसभा चुनाव में खुलकर BJP पर आरोप लगाए कि वह पहले नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं। ED, CBI उनके यहां जांच करकी है जरूरत पड़ने पर गिरफ्तार भी करती है। लेकिन जब वह नेता BJP में शामिल हो जाता है तो वह सभी आरोपों से मुक्त हो जाता है।
प्रफुल पटेल राज्यसभा सांसद हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) गुट के नेता है पहले ये पार्टी एक ही थी और इसके अध्यक्ष शरद पवार थे। बाद में यह राजनीतिक पार्टी के दो टुकड़े हो गए। एक शरद पवार का गुट बना और दूसरा अजित पवार का गुट बना।

180 करोड़ की संपत्ती हुई थी जब्त
प्रफुल पटेल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था जिसमें उनकी 180 करोड़ की संपत्ती को जब्त कर लिया गया था।, जिस पर ED कार्रवाई की थी। ED ने आरोप लगाया था कि ये सभी संपत्तियां दाऊड इब्राहिम के करीबी और ड्रग माफिया अकबाल मिर्ची की विधवा हाजरा इकबाल मेनन से अवैध तरीके से हासिल की गई है।
शरद पवार के करीबी रहे हैं
प्रफुल्ल पटेल NCP के नेता थे और शरद पवार के करीबी माने जाते थे। पार्टी के बंटने के बाद जुलाई 2023 में बगावत कर अजित पवार गुट की NCP में शामिल हो गए और UPA सरकार में नागरिक उड्डायन मंत्री के रूप में काम भी किया।
चुनाव के बाद कोर्ट ने कार्रवाई को बताया अवैध
NDA में शामिल होने के 8 महीने बाद ही मार्च में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई और अब लोकसभा चुनाव पूरे होते ही मुंबई कोर्ट ने ED की कार्यवाई को अवैध बताया है और प्रफुल्ल पटेल की 180 करोड़ की संपत्ति को वापस दे दिया है।