“Nana Patekar”नाना पाटेकर हमेशा से अपने ओपिनियन को लेकर (outspoken) मुखर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले 80-90% लोग किसान थे, अब यह संख्या घटकर 50% हो गई है। उन्होंने किसानों से कहा,सरकार से अब कुछ मत मांगो। अब तय करो कि सरकार किसकी लानी है
किसानों से बातचीत में नाना ने आगे कहा,अगर मैं आत्महत्या भी कर लूं तो भी मैं किसान के रूप में ही जन्म लूंगा। किसान कभी यह नहीं कहेगा कि मैं किसान के रूप में जन्म नहीं लेना चाहता हूं। हम जानवरों की भाषा जानते हैं
नाना हमेशा से ही किसानों के सपोर्ट में बोलते आए हैं। वे खुद को किसानों का बड़ा (benevolent) हितैषी बताते हैं। नाना ने पहले भी किसानों के द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या पर अफसोस जताया था। उन्होंने एक संस्था बनाई थी, जो किसानों के पक्ष में काम करती है। उन्होंने कहा था कि किसान भाई आत्महत्या ना करें, बल्कि उन्हें फोन करें। नाना के मुताबिक उन्होंने आर्थिक हालात में आत्महत्या करने वाले किसानों की 180 विधवाओं को 15-15 हजार रुपए की मदद भी दी थी