आसमान में एक सेकंड से भी कम समय के लिए अचानक इतनी तेज चमक हुई कि जैसे किसी ब्लैक होल का विस्फोट हो गया हो। मगर असली चौंकाने वाली बात तो तब सामने आई, जब वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की। यह रहस्यमय चमक पृथ्वी से सिर्फ 4,500 किलोमीटर की दूरी से आई थी, और इसके पीछे था एक ऐसा सैटेलाइट जिसे करीब 50 साल पहले ‘मरा हुआ’ मान लिया गया था।
Relay 2: ‘मरा हुआ’ सैटेलाइट जो अचानक जाग गया
यह घटना ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्रियों ने दर्ज की, जब उन्हें एक बेहद तेज ऊर्जा सिग्नल मिला। शुरुआत में वैज्ञानिकों ने इसे किसी पल्सर या दूर स्थित कॉस्मिक स्रोत का सिग्नल समझा, लेकिन डाटा एनालिसिस से पता चला कि यह सिग्नल पृथ्वी के बहुत करीब से आया है।
जांच में सामने आया कि यह सिग्नल नासा के Relay 2 सैटेलाइट से निकला था, जिसे 1964 में लॉन्च किया गया था। Relay 2 एक प्रायोगिक संचार सैटेलाइट था, जो सिर्फ तीन साल बाद 1967 में निष्क्रिय घोषित कर दिया गया था।

आखिर अचानक क्यों चमका सैटेलाइट?
वैज्ञानिकों के अनुसार, Relay 2 सैटेलाइट में दशकों से इलेक्ट्रॉन्स और चार्ज्ड पार्टिकल्स जमा हो रहे थे। जब यह किसी छोटे उल्कापिंड या अंतरिक्ष मलबे से टकराया, तो सैटेलाइट के अंदर जमा विद्युत आवेश अचानक electrostatic discharge (स्थैतिक विद्युत विसर्जन) में बदल गया।
इस टकराव से Relay 2 ने एक बेहद तेज और छोटी अवधि का ऊर्जा विस्फोट किया, जिसकी चमक महज एक नैनोसेकंड (एक सेकंड का एक अरबवां हिस्सा) तक रही। लेकिन इस अल्पकालिक चमक ने वैज्ञानिकों को पूरी तरह चौंका दिया।
क्या ऐसा पहले भी होता रहा है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष में इस तरह के डिस्चार्ज की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन अब तक हमारी तकनीक उन्हें पकड़ने में सक्षम नहीं थी। Relay 2 से निकला विस्फोट अब तक देखी गई सबसे तीव्र और तेज घटनाओं में से एक है, जिसे हमने पहली बार रिकॉर्ड किया है।
क्या यह खतरनाक है?
फिलहाल ऐसी घटनाओं से पृथ्वी को कोई सीधा खतरा नहीं है। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हमें यह जरूर याद दिलाता है कि अंतरिक्ष में कब, क्या और कैसे घट जाएगा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है।
पुराना अंतरिक्ष मलबा भी अचानक सक्रिय हो सकता है और यह भविष्य में नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।
भविष्य के मिशनों के लिए चेतावनी
रिसर्चर्स ने यह भी सुझाव दिया कि आने वाले समय में अंतरिक्ष निगरानी उपकरणों को और अधिक संवेदनशील और तेज बनाना जरूरी है, ताकि इस तरह की अनपेक्षित घटनाओं को पहले से पहचाना जा सके।