नई दिल्ली: ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल गर्मा गया है। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बड़ा बयान सामने आया है। नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले को ‘इतिहास बदलने वाला साहसिक कदम’ बताया है और ट्रंप का खुलकर धन्यवाद किया है।
नेतन्याहू ने कहा, “अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप ने आज रात जिस ताकत के साथ ईरान पर हमला किया है, वह दुनिया को यह दिखाता है कि शांति केवल शक्ति के माध्यम से ही संभव है। पहले ताकत दिखाई जाती है, तभी स्थायी शांति स्थापित होती है। राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं, ‘शक्ति से ही शांति आती है।’ आज अमेरिका ने वही कर दिखाया है।”
तीन न्यूक्लियर साइट्स पर जबरदस्त हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया। इन हमलों में ईरान की परमाणु क्षमताओं को काफी नुकसान पहुंचा है। अमेरिकी रक्षा विभाग (Pentagon) ने भी इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम ईरान के बढ़ते परमाणु खतरे को रोकने के लिए जरूरी था।
हमले के बाद ईरान ने अमेरिका और इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि इस हमले का जवाब दिया जाएगा और क्षेत्रीय शांति के लिए इसका गंभीर असर हो सकता है।
अमेरिका-इजरायल की रणनीतिक दोस्ती
बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप की मित्रता पहले से ही मजबूत मानी जाती है। नेतन्याहू ने पहले भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर सख्त रुख अपनाने की बात कही थी। ट्रंप प्रशासन द्वारा ईरान परमाणु समझौते (JCPOA) से बाहर निकलने के फैसले को भी नेतन्याहू ने समर्थन दिया था।
इस ताजा हमले ने अमेरिका और इजरायल की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत कर दिया है। नेतन्याहू ने अमेरिका के इस कदम को पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की दिशा में ‘बड़ा और निर्णायक कदम’ बताया।
ईरान की प्रतिक्रिया और बढ़ते तनाव
ईरान ने इस हमले को ‘आक्रामकता की चरम सीमा’ बताया है। ईरान के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह हमला उनके देश की संप्रभुता पर हमला है और इसका करारा जवाब दिया जाएगा। क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों और इजरायल की सुरक्षा पर संभावित खतरे की आशंका बढ़ गई है।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला फिलहाल मध्य-पूर्व में तनाव को और भड़का सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई होती है तो अमेरिका, इजरायल और ईरान के बीच खुला संघर्ष भी संभव हो सकता है।