“CAA” ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने सीएए के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि यह कानून धर्मनिरपेक्षता और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
ओवैसी ने अपनी याचिका में कहा है कि सीएए केवल नागरिकता प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य एक विशेष समुदाय को नागरिकता से वंचित करना और उन्हें निशाना बनाना है। उन्होंने दावा किया कि सीएए को एनपीआर और एनआरसी के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए, और यह योजना मुसलमानों, दलितों, आदिवासियों और गरीबों को हाशिए पर धकेलने के लिए बनाई गई है।
ओवैसी ने कहा कि सीएए धर्म के आधार पर भेदभाव करता है, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का भी उल्लंघन करता है।