क्या है विवाद ?
लोगों का कहना है कि इस बार सीरीज में चुनावी ड्रामा तो दिखाया गया, लेकिन कॉमेडी और सादगी गायब थी। खासकर आखिरी एपिसोड ‘दबदबा’ को लोगों ने सबसे कमजोर बताया।
IMDb रेटिंग में गिरावट:

- सीजन 1 का लास्ट एपिसोड ‘जब जागो तभी सवेरा’ — 8.8 रेटिंग
- सीजन 2 का लास्ट एपिसोड ‘परिवार’ — 9.6 रेटिंग
- सीजन 3 का लास्ट एपिसोड ‘हमला’ — 9 रेटिंग
- सीजन 4 का लास्ट एपिसोड ‘दबदबा’ — 8.4 रेटिंग
यानि इस बार रेटिंग सबसे कम रही और यही वजह है कि फैंस निराश हैं।
लोगों का रिएक्शन:

सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने कहा — “पूरी सीरीज देख ली, मज़ा नहीं आया। कॉमेडी मिसिंग थी।”, तो किसी ने लिखा — “इस बार राजनीति ज़्यादा थी और मज़ा कम। एंडिंग भी अच्छी नहीं थी।”
पंचायत 4 की कहानी :
इस बार कहानी फुलेरा गांव के चुनाव पर बनी थी। बनराकस चुनाव जीत जाता है और मंजू देवी हार जाती हैं। इसी सियासी लड़ाई में शो की सादगी और हल्की-फुल्की कॉमेडी कहीं खो गई।