भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर, 2023 को फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात की। इस बातचीत में उन्होंने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की और फिलिस्तीन के लोगों के लिए भारत की मानवीय मदद का आश्वासन दिया।
पीएम मोदी ने इस दौरान स्पष्ट किया कि भारत इजरायल-फिलिस्तीन विवाद के दो राज्य समाधान के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता के लिए खड़ा है।
पीएम मोदी की इस बातचीत को इजरायल के साथ भारत के बढ़ते संबंधों के संदर्भ में देखा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने इजरायल के साथ अपने संबंधों में सुधार किया है, और दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग बढ़ा है।
भारत का इजरायल-फिलिस्तीन विवाद पर रुख
भारत इजरायल-फिलिस्तीन विवाद के दो राज्य समाधान के पक्ष में है। भारत का मानना है कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांतिपूर्ण समझौते से दोनों देशों के लोगों के लिए ही लाभ होगा।
भारत ने हमेशा फिलिस्तीन के लोगों के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता के लिए समर्थन व्यक्त किया है। भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भी प्रदान की है।
इजरायल-फिलिस्तीन विवाद
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष एक लंबे समय से चल रहा है। यह संघर्ष 1948 में इजरायल के राज्य के निर्माण के बाद शुरू हुआ था। फिलिस्तीनियों का मानना है कि इजरायल ने उनके अधिकारों का अतिक्रमण किया है, और वे एक स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य की स्थापना चाहते हैं। इजरायल का मानना है कि फिलिस्तीनियों ने हिंसा और आतंकवाद का सहारा लिया है, और वह एक सुरक्षित और स्थिर इजरायल के लिए प्रतिबद्ध है।
2023 में, इजरायल और हमास के बीच एक हफ्ते तक चली लड़ाई में सैकड़ों लोग मारे गए। इस लड़ाई के बाद, भारत ने दोनों पक्षों से शांतिपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया।