ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान रविवार तड़के भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हुए। यह 2008 के बाद दूसरी बड़ी घटना है जब रथयात्रा में भगदड़ से जानें गईं।

क्या हुआ?
समय-स्थान: रविवार सुबह 4 बजे, गुंडिचा मंदिर के सामने (जगन्नाथ मंदिर से 3 किमी दूर)
कारण: भगवान जगन्नाथ का रथ देरी से पहुंचा, जिससे भक्तों में दर्शन की होड़ लग गई
लापरवाही: पर्याप्त पुलिस बल नहीं था, भीड़ नियंत्रण विफल रहा
पीड़ितों की पहचान
बसंती साहू (36 वर्ष)
प्रेमकांति महांति (78 वर्ष)
प्रभाती दास
CM की माफी और एक्शन
- CM मोहन माझी ने X (ट्विटर) पर माफी मांगी:
“यह लापरवाही माफ करने लायक नहीं… हम सभी भक्तों से क्षमा चाहते हैं।” - बड़ी कार्रवाई:
✔ पुरी कलेक्टर और SP हटाए गए
✔ DCP और कमांडेंट सस्पेंड
✔ नए अधिकारी नियुक्त
रोचक तथ्य: पुरी रथयात्रा का इतिहास
2008 में भी भगदड़: 6 श्रद्धालुओं की मौत
इस साल शुक्रवार को भी हादसा: 625+ लोग बेहोश, 70 अस्पताल में भर्ती
रथयात्रा की अनोखी परंपरा:
- भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा 9 दिन के लिए गुंडिचा मंदिर (मौसी का घर) जाते हैं
- नंदीघोष रथ (जगन्नाथ का रथ) सबसे बड़ा होता है
क्यों होती है ऐसी घटनाएं?
🔹 भक्तों की भारी भीड़ (हर साल 10 लाख+ श्रद्धालु)
🔹 प्रशासनिक लापरवाही (पुलिस बल कम)
🔹 रथों के आने-जाने का समय अक्सर अनिश्चित