1. भारतीय रेलवे की ऐतिहासिक विरासत का नया ठिकाना
भारतीय रेलवे की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है।
पश्चिम मध्य रेलवे ने रानी कमलापति स्टेशन पर नैरो गेज के ऐतिहासिक इंजन NG LOCO नं. 514 (ZDM5) को प्रदर्शित किया है।
यह इंजन अब स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
2. ऐतिहासिक इंजन NG LOCO नं. 514 (ZDM5) की झलक
- यह इंजन भारतीय रेलवे की तकनीकी प्रगति और विरासत का प्रतीक है।
- 22 टन वजनी इस इंजन को खासतौर पर नैरो गेज पटरियों पर चलने के लिए डिजाइन किया गया था।
- इसे देखकर यात्री पुराने समय की रेल यात्रा का अनुभव ले सकेंगे।
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3. प्रबंधन की दूरदृष्टि और सहयोग से साकार हुआ सपना
- इस ऐतिहासिक पहल को मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी के मार्गदर्शन और
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया के सहयोग से साकार किया गया। - रेलवे अधिकारियों की इस दूरदर्शिता ने भारतीय रेलवे की धरोहर को जनसामान्य के सामने लाने का रास्ता खोला।
4. तीन दशक की सेवा यात्रा का संक्षिप्त इतिहास
- इस इंजन की पहली सेवा यात्रा 3 जून 1991 को धौलपुर से शुरू हुई थी।
- लगभग 28 वर्षों तक यह इंजन 762 मिमी नैरो गेज की पटरियों पर दौड़ता रहा।
- इसकी अंतिम नियमित सेवा 1 अप्रैल 2019 को टंटपुर–मथुरा खंड में हुई थी।
5. तकनीकी विशेषताएँ और रखरखाव
- NG LOCO नं. 514 (ZDM5) डीजल वैक्यूम प्रणाली पर आधारित एक शक्तिशाली लोकोमोटिव था।
- इसका रखरखाव उत्तर मध्य रेलवे के धौलपुर डीजल लोको शेड द्वारा किया जाता था,
जो इसके प्रदर्शन और कार्यक्षमता की जिम्मेदारी निभाता रहा।
6. ‘हेरिटेज एसेट’ का गौरव
- रेलवे बोर्ड ने 3 नवंबर 2023 को इस इंजन को आधिकारिक रूप से ‘हेरिटेज एसेट’ का दर्जा प्रदान किया।
- यह मान्यता भारतीय रेलवे की विरासत को सहेजने और संजोने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जाती है।
7. धौलपुर से भोपाल तक की अंतिम यात्रा
- धरोहर इंजन को 23 जुलाई 2025 को धौलपुर से भोपाल लाया गया।
- इसके बाद इसे रानी कमलापति स्टेशन के मुख्य द्वार पर यात्रियों के लिए स्थायी रूप से प्रदर्शित किया गया।
- यह स्थान अब न केवल रेलवे प्रेमियों, बल्कि इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए भी खास बन गया है।
रानी कमलापति स्टेशन पर रखा गया रेलवे का ऐतिहासिक इंजन – khaber aaj ki
8. केवल एक इंजन नहीं, बल्कि प्रेरणा का स्रोत
- NG LOCO नं. 514 सिर्फ एक इंजन नहीं, बल्कि भारतीय रेलवे की विकास यात्रा का जीवंत दस्तावेज है।
- यह नई पीढ़ियों को भारतीय रेलवे के गौरवशाली अतीत से जोड़ने और तकनीकी प्रगति
को समझाने का एक प्रेरणादायक माध्यम बन चुका है।