अब पुराने खाते होंगे चुटकियों में एक्टिव, जानिए कैसे
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे करोड़ों लोग राहत की सांस ले सकते हैं। अगर आपका या आपके किसी जानने वाले का बैंक खाता पिछले 10 साल से बंद पड़ा है, तो अब चिंता की कोई बात नहीं। RBI ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए सभी बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे खातों को दोबारा सक्रिय करने की प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाएं।
क्या है नया नियम?
अब 10 साल से निष्क्रिय पड़े सेविंग्स और करंट अकाउंट्स को एक्टिव करने के लिए ग्राहकों को बार-बार बैंक की शाखा में जाने की जरूरत नहीं होगी। RBI ने कहा है कि:
KYC अपडेट करना अब बेहद आसान होगा
ग्राहकों को वीडियो KYC की सुविधा मिलेगी
बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स (BCs) की मदद से घर के पास ही KYC हो सकेगा
वीडियो KYC – अब बैंकिंग घर बैठे
RBI ने डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। अब आप मोबाइल या लैपटॉप के ज़रिए वीडियो कॉल पर अपना KYC पूरा कर सकते हैं। इससे बुजुर्गों, दिव्यांगों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
गांवों में भी बैंकिंग की पहुंच
अब बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स, यानी बैंक से जुड़े स्थानीय प्रतिनिधि, गांव-गांव जाकर निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने में मदद करेंगे। इसका मतलब –
आपको शहर नहीं जाना पड़ेगा
कागज़ी झंझट कम होंगे
सुविधा आपके द्वार तक
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे:
ग्राहकों को निष्क्रिय खातों की जानकारी समय-समय पर दें
केवाईसी प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाएं
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी निष्क्रिय खातों की स्थिति दिखाएं
क्या होता है ‘Unclaimed Deposit’?
अगर कोई खाता 10 साल तक बिना लेन-देन के पड़ा रहता है, और कोई दावा नहीं किया गया है, तो उसमें जमा रकम ‘Unclaimed Deposit’ कहलाती है। यह पैसा Deposit Education and Awareness (DEA) Fund में ट्रांसफर कर दिया जाता है – लेकिन घबराइए मत!
यह पैसा आपकी ही मिल्कियत रहता है
जब आप दावा करेंगे, बैंक आपको वह पैसा और उस पर मिलने वाला ब्याज भी वापस करेगा
फायदे जो आपके लिए हैं:
निष्क्रिय खाता दोबारा खोलना पहले से कहीं आसान
समय की बचत, कागज़ कम
वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को बड़ी राहत
डिजिटल प्रक्रिया – तकनीक-प्रेमियों के लिए शानदार
भविष्य में और क्या बदलाव संभव हैं?
RBI आने वाले समय में इन नियमों को और सरल बना सकता है। जैसे:
निष्क्रियता की अवधि घटाई जा सकती है
पूरी KYC प्रक्रिया मोबाइल ऐप से की जा सकेगी
OTP, फिंगरप्रिंट और आधार आधारित सेवाएं और व्यापक हो सकती हैं
