एसईसीएल में हड़ताल: मजदूरों ने दिखाया दम, प्रबंधन का पसीना छूटा
कोल इंडिया में चार केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन देने से शुक्रवार को एसईसीएल में भी एक दिन की कामबंद हड़ताल हुई। एटक के कार्यवाहक अध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने जारी बयान में बताया है कि हड़ताल को बेअसर करने एसईसीएल के सारे प्रयास विफल हो गए। जबकि कंपनी प्रबंधन ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। मगर संयुक्त मोर्चा की एकजुटता से एसईसीएल में हड़ताल सफल रही।
हड़ताल का असर
इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया था, इस कारण आम लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई। जिले में संचालित एसईसीएल की कोयला खदानों में भी उत्पादन व डिस्पैच पर खासा असर पड़ा है।
आगे की रणनीति
यह एक दिन की सिर्फ सांकेतिक हड़ताल थी। मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आगे भी श्रमिक संगठनों का केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा।
एसईसीएल प्रबंधन का दावा
एसईसीएल प्रबंधन का दावा है कि हड़ताल का खास असर नहीं पड़ा। प्रबंधन के मुताबिक, कुछ खदानों में कामकाज प्रभावित हुआ, लेकिन अधिकांश खदानों में उत्पादन सामान्य रहा।
एसईसीएल कर्मचारियों की मांगें
एसईसीएल कर्मचारी वेतन वृद्धि, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, ठेका प्रथा खत्म करने और मजदूर विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।