भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (इनक्वॉइस) ने एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए देश की पहली सिनर्जिस्टिक ओशन ऑब्जर्वेशन प्रिडिक्शन सर्विस (सिनोप्स) लैब स्थापित की है। यह अत्याधुनिक लैब समुद्र में होने वाली गतिविधियों पर पैनी नजर रखेगी और संभावित भूकंप, सुनामी, तूफान और चक्रवात का पता लगाकर पहले ही चेतावनी देगी।
जहां अभी तक इन आपदाओं की सूचना मिलने में देरी होती थी, वहीं सिनोप्स एक घंटे पहले भूकंप और सुनामी का संकेत और तीन-चार दिन पहले तूफान और चक्रवात का पूर्वानुमान देकर जान-माल का नुकसान कम करने में मदद करेगा। सटीक आधुनिक सेंसरों से लैस यह लैब समुद्र की गहराई में होने वाली हलचल को पल भर में पकड़ लेगी और उसी के आधार पर चेतावनी जारी करेगी।
सिनोप्स का लाभ सिर्फ आपदा प्रबंधन तक सीमित नहीं है। मछुआरों के लिए यह वरदान साबित होगा, क्योंकि यह बताएगा कि किस दिशा में सबसे ज्यादा मछलियां पाई जा सकती हैं। इतना ही नहीं, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर क्षेत्र के साथ ही दुनियाभर में इन सूचनाओं के लिए मौजूद प्रणालियों में सिनोप्स सबसे उन्नत है, जिससे भारत को समुद्री अनुसंधान और विकास में अग्रणी स्थान मिलने की उम्मीद है।
यह स्वदेशी तकनीक न केवल भारत, बल्कि मालदीव, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को भी आपदा प्रबंधन में सहायता प्रदान करेगी, जिससे पूरे क्षेत्र के लिए यह गेम चेंजर साबित हो सकता है।