राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार की नई मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य की मसौदा वोटर लिस्ट से लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम गायब कर दिए गए हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव का बड़ा दावा
तेजस्वी यादव का कहना है कि जब उनका ही नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो वह चुनाव कैसे लड़ेंगे ? उनके अनुसार, उनका ईपीआईसी नंबर भी सूची में नाम दिखाने में असमर्थ है।
इसी बीच, उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि चुनाव आयोग जानबूझकर वोटरों के नाम हटा रहा है।
चुनाव आयोग ने दिया जवाब, बताया तेजस्वी का दावा झूठा
#WATCH | Patna, Bihar: "My name is not there in the electoral roll. How will I contest the elections?" asks RJD leader Tejashwi Yadav, as his EPIC number is unable to fetch his name in the electoral roll. pic.twitter.com/eF2VkeNIRw
— ANI (@ANI) August 2, 2025
चुनाव आयोग ने साफ किया कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर दर्ज है।
इसलिए, उनका यह कहना कि उनका नाम लिस्ट में नहीं है, गलत और भ्रामक है।
आयोग ने इसे एक शरारतपूर्ण दावा बताते हुए कहा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है।
वोटर लिस्ट में नाम न होने का दावा बेबुनियाद – आयोग का पलटवार
ECI ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के बाद बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई है।
इस प्रक्रिया में हर नागरिक को नाम जुड़वाने का मौका दिया गया था।
दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है और इसे प्रमाणित किया गया है कि उनका नाम सूची में दर्ज है।
राजनीति गर्म, तेजस्वी के आरोपों पर मचा बवाल
हालांकि, तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्ष ने इस मुद्दे को सरकार की साजिश करार दिया, वहीं चुनाव आयोग ने तथ्यों के साथ स्थिति स्पष्ट कर दी।
इसके अलावा, आयोग ने चेतावनी दी है कि बिना प्रमाण ऐसे दावे लोकतंत्र के लिए घातक हैं।