Bangladesh protests live updates
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शेख हसीना का अप्रत्याशित इस्तीफा- बांग्लादेश में हिंसा, भारत में शरण

बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सोमवार दोपहर तेजी से घटनाक्रम बदल गया। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina resignation) ने इस्तीफा दे दिया। हिंसाग्रस्त बांग्लादेश (Bangladesh violence 2024) में हालात बदतर होते जा रहे हैं। शेख हसीना ने अपनी बहन शेख रिहाना (Sheikh Rehana and Sheikh Hasina) के साथ सेना के हेलीकॉप्टर में सवार होकर भारत में शरण ली (Sheikh Hasina India asylum)। उनका हेलिकॉप्टर हिंडन एयरबेस (Hindon Airbase Sheikh Hasina landing) पर लैंड हुआ।

बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों (Bangladesh protests live updates) और हिंसा के चलते हालात गृह युद्ध की कगार पर पहुंच गए हैं (Bangladesh civil unrest)। शेख हसीना (Sheikh Hasina prime minister bangladesh) के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन (Bangladesh interim government formation) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (Bangladesh army press conference) कर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक सेना तैनात रहेगी (Bangladesh army deployment)। मौजूदा हालात से दुनिया में बांग्लादेश की बदनामी हुई है। हमने सभी पक्षों को बुलाया है, जिसमें आंदोलनकारी संगठन भी शामिल हैं।

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे (Bangladesh reservation protests) पर पिछले महीने प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी। बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट (Bangladesh Supreme Court reservation ruling) द्वारा 1971 मुक्ति संग्राम (Bangladesh 1971 liberation war descendants) के वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने वाले आदेश को रद्द करने के बाद से प्रदर्शन और तेज हो गए। देखते ही देखते छात्र संगठन हिंसक हो गए (Bangladesh student protests turn violent)। रविवार को भड़की ताजा हिंसा में करीब 100 लोगों की मौत हो गई थी (Bangladesh protest casualties)। अब तक कुल 300 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हैं (Bangladesh unrest 300 deaths)।

बांग्लादेश में जारी विरोध प्रदर्शनों और पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों (Bangladesh police and protestor clashes) ने सुधार और समाधान की तात्कालिकता को और बढ़ा दिया है। इस राजनीतिक संकट ने बांग्लादेश को एक गंभीर मोड़ पर ला खड़ा किया है (Bangladesh political crisis 2024)। जैसे-जैसे हालात विकसित हो रहे हैं, पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं, उम्मीद है कि बांग्लादेश के इस राजनीतिक संकट का 2024 में शांतिपूर्ण समाधान निकले।

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