अब तक 18 हजार नोटिस भेजे जा चुके हैं। निगम रोजाना 10 हजार नोटिस और भेजने की तैयारी में है।
निगम अधिकारियों के मुताबिक, शहर में जो मकान 5 से 10 साल पहले बने थे, उन्हें पुरानी जानकारी के आधार पर टैक्स बिल भेजे जाते थे। लेकिन अब कई मकानों में नक्शा बदलकर दुकानें बना ली गईं या घर बड़ा कर लिया गया है।

इसे ध्यान में रखते हुए पिछले साल जीआईएस सर्वे कराया गया, जिसमें मकानों की मौजूदा स्थिति का रिकॉर्ड लिया गया। अब उन्हीं बदलावों के आधार पर नया हाउस टैक्स बिल भेजा जा रहा है।
निगम का कहना है कि टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, सिर्फ प्रॉपर्टी की असली हालत के मुताबिक बिल भेजे जा रहे हैं।

अगर किसी को बिल में कोई आपत्ति है, तो वह नगर निगम में जाकर आपत्ति दर्ज करा सकता है। आपत्ति का समाधान होने के बाद ही टैक्स वसूली की जाएगी।