UPI Auto Pay Scam: जैसे-जैसे डिजिटल दुनिया बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऑनलाइन फ्रॉड के तरीके भी खतरनाक होते जा रहे हैं। UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने हमारी जिंदगी को जितना आसान बनाया है, उतना ही साइबर ठगों ने इसे ठगी का आसान जरिया बना लिया है। अब साइबर क्रिमिनल्स ‘UPI Auto Pay’ फीचर का गलत फायदा उठाकर लोगों का पूरा बैंक अकाउंट मिनटों में खाली कर रहे हैं।
क्या है UPI Auto Pay फीचर?
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने साल 2020 में UPI Auto Pay फीचर लॉन्च किया था। इसका मकसद था कि यूजर्स के मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल, लोन या इंश्योरेंस जैसी जरूरी पेमेंट्स समय पर हो जाएं और सर्विस बंद न हो। इस फीचर में यूजर की एक बार मंजूरी देने के बाद तय तारीख पर पेमेंट अपने आप अकाउंट से कट जाता है। इससे लोगों को बार-बार पेमेंट की चिंता नहीं करनी पड़ती।

कैसे हो रही है ठगी?
अब साइबर ठग इसी फीचर का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। ठग ऑटो-पे रिक्वेस्ट भेजकर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। कई बार फर्जी SMS, ईमेल, या सोशल मीडिया लिंक भेजे जाते हैं जिन पर क्लिक करते ही ऑटो-पे एक्टिव हो जाता है और पैसा कटने लगता है।
साइबर ठगों के नए-नए पैंतरे:
- फर्जी कॉल्स: ठग खुद को बैंक या UPI कस्टमर केयर का कर्मचारी बताकर कॉल करते हैं। वे कहते हैं कि कोई सर्विस चालू करनी है और UPI पिन डालने को कहते हैं। पिन डालते ही पैसा कट जाता है।
- झूठे सब्सक्रिप्शन ऑफर: सस्ते सब्सक्रिप्शन का लालच देकर पेमेंट रिक्वेस्ट भेजते हैं। एक बार पेमेंट करने के बाद हर महीने पैसे अपने आप कटने लगते हैं।
- कैशबैक का झांसा: स्कैमर्स कैशबैक या ऑफर का लालच देकर भी ऑटो-पे एक्टिवेट करा रहे हैं।
बचाव के तरीके
- अंजान लिंक पर कभी क्लिक न करें।
- बिना पढ़े ऑटो-पे रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें।
- किसी को भी UPI पिन न बताएं।
- सस्ते ऑफर्स और कैशबैक के लालच में न आएं।
अगर आप गलती से फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं तो तुरंत UPI ऐप में ‘Report Fraud’ या ‘Report Dispute’ का विकल्प चुनें और शिकायत दर्ज करें। साथ ही अपने बैंक को भी लिखित में जानकारी दें।
क्यों बढ़ रही हैं UPI फ्रॉड की घटनाएं?
UPI ट्रांजैक्शंस का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। 2024 में करीब 20.64 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन UPI से हुआ और जनवरी 2025 में यह आंकड़ा 23.48 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा पहुंच गया। जब इतना बड़ा लेन-देन इस प्लेटफॉर्म पर हो रहा हो, तो साइबर ठग भी नए-नए तरीके खोजते रहते हैं।