हर साल लाखों छात्र IAS, IPS बनने का सपना लेकर UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में शामिल होते हैं। हालांकि, यह परीक्षा इतनी कठिन होती है कि लाखों में से केवल कुछ ही कैंडिडेट्स इंटरव्यू राउंड तक पहुंचते हैं और उनमें से भी बहुत कम लोग फाइनल मेरिट लिस्ट में जगह बना पाते हैं।
अब तक जो कैंडिडेट्स इंटरव्यू तक पहुंचकर सफल नहीं हो पाते थे, उनके पास दो ही रास्ते होते थे – या तो दोबारा परीक्षा की तैयारी करें या दूसरी नौकरी की तलाश करें। लेकिन अब UPSC ने इन कैंडिडेट्स के लिए एक बेहतरीन स्कीम शुरू की है।

क्या है ‘प्रतिभा सेतु’ योजना?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने ‘प्रतिभा सेतु’ नाम से एक नई योजना शुरू की है। इसके तहत वे कैंडिडेट्स जो इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं आ सके, अब उन्हें नौकरी के अवसर मिल सकेंगे।
‘प्रतिभा सेतु’ योजना के फायदे:
- प्राइवेट और सरकारी कंपनियां ऐसे कैंडिडेट्स से सीधे जुड़ सकेंगी।
- कंपनियां उनके टैलेंट को पहचानकर उन्हें नौकरी के अवसर देंगी।
- जिन कैंडिडेट्स ने कड़ी मेहनत की है लेकिन मेरिट लिस्ट में नहीं आ सके, उन्हें अब करियर बनाने का नया रास्ता मिलेगा।
UPSC परीक्षा का पूरा प्रोसेस:
- प्रीलिम्स (Prelims): पहला चरण, जहां उम्मीदवारों को ऑब्जेक्टिव टाइप परीक्षा देनी होती है।
- मेंस (Mains): दूसरा चरण, जिसमें सब्जेक्टिव टाइप लिखित परीक्षा होती है।
- इंटरव्यू (Personality Test): अंतिम चरण, जहां उम्मीदवारों का पर्सनालिटी और व्यवहारिक ज्ञान जांचा जाता हैइन तीनों चरणों को पार करना बेहद कठिन होता है। ऐसे में जो कैंडिडेट्स इंटरव्यू तक पहुंचते हैं, उनकी योग्यता और मेहनत को अब ‘प्रतिभा सेतु’ के माध्यम से पहचान दी जाएगी।
फैक्ट्स:
- UPSC CSE परीक्षा भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है।
- हर साल लगभग 10 लाख से ज्यादा उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं।
- इंटरव्यू राउंड तक केवल लगभग 2,500 से 3,000 उम्मीदवार ही पहुंच पाते हैं।
- प्रतिभा सेतु योजना UPSC की आधिकारिक पहल है, जिसका उद्देश्य कैंडिडेट्स के टैलेंट को नौकरी के अवसर से जोड़ना है।