US news updates – अमेरिका कोरोना वायरस से बुरी तरह से पस्त हो गया है, तो दूसरी तरफ उसके वैज्ञानिक दिन-रात कोरोना का तोड़ ढूंढने में लगे हुए हैं। अब कोविड19 से जुड़ा एक वैक्सिन बनाया गया है, जिसका प्रयोग फिलहाल चूहे पर किया गया है। प्रयोग में पाया गया है कि एक स्तर पर आकर यह वैक्सीन नए कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी तैयार करता है जो कोरोना के संक्रमण से बचा सकता है।
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने बताया कि जब इसका प्रयोग चूहे पर किया गया तो इस प्रोटोटाइप वैक्सीन ने दो सप्ताह के भीतर एंटीबॉडीज तैयार कर ली। इस वैक्सीन का नाम फिलहाल पिटकोवैक रखा गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता हालांकि यह भी कहते हैं कि जानवरों पर लंबे समय तक नजर नहीं रखी जा सकी है तो यह कहना जल्दबाजी होगी कि कब तक उनमें इम्युनिटी बनी रहेगी।
शोधकर्ताओं की टीम को भरोसा है कि अगले कुछ महीनों में इसका प्रयोग इनसानों पर किया जा सकेगा। उधर, अमेरिका के डॉक्टर स्वस्थ हो चुके मरीजों के ब्लड प्लाज्मा के जरिए इलाज की कोशिश कर रहे हैं। यह पद्धति 100 साल पुरानी है, जब 1906 में फ्लू के दौरान स्वस्थ हो चुके मरीज के ब्लड प्लाज्मा से बीमार मरीज का इलाज किया गया था। चूंकि अभी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोई वैक्सिन और दवाई मौजूद नहीं है, इसलिए वे फिलहाल इस प्रयोग पर ध्यान दे रहे हैं। न्यूयॉर्क और अन्य शहरों में स्वस्थ्य हो गए कोरोना मरीज गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मदद के लिए अपना ब्लड डोनेट कर रहे हैं।