Parliament Session 2025: जैसा कि आप जानते हैं कि 1 दिसंबर से संसद शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर संसद के शीतकालीन सत्र में इस सप्ताह विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
बता दें कि संसद में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने इसके लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया है, जो गुरुवार या शुक्रवार को आयोजित होगी। इस चर्चा का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम में ‘वंदे मातरम’ के योगदान और इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व पर जोर देना है।
सर्वदलीय बैठक में बनी सहमति
संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू की अध्यक्षता में ऑल-पार्टी मीटिंग और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में सभी दलों ने इस प्रस्ताव पर अपनी-अपनी सहमति भी जताई है। जहां उन्होंने राज्यसभा में भी वंदे मातरम पर विस्तृत चर्चा की मांग की।
वही, भारत सरकार ने इसे विषय को राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा मुद्दा बताया है और साथ ही उन्होंने सभी दलों को इसमें शामिल होने का आमंत्रण भी दिया है।

वंदे मातरम: इतिहास और महत्व
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ‘वंदे मातरम’ को 1950 में भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया था। इसे बंकिम चंद्र चटर्जी ने 1870 के दशक में संस्कृतनिष्ठ बंगाली भाषा में लिखा गया। यह गीत उनके प्रसिद्ध उपन्यास आनंदमठ का भी हिस्सा है, जो 1882 में प्रकाशित हुआ।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वंदे मातरम ने क्रांतिकारियों और आम जनता में देशभक्ति को जगाने का काम किया।
इस गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर केंद्र सरकार पहले ही स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी कर चुकी है।
1 दिसंबर से शुरू हुआ शीतकालीन सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हुआ, जो 19 दिसंबर तक चलेगा। संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने इस सत्र को रचनात्मक और सार्थक बताया और कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करेगा।
इस शीतकालीन सत्र के समय कुल 15 बैठकें होंगी, जिसमें मोदी सरकार की तरफ से 13 महत्वपूर्ण बिल पेश करने की योजना बताई जा रही है, जो आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े बड़े विधेयक शामिल हो सकते हैं।
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