14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है बाल दिवस
Children’s Day: भारत में बाल दिवस 1956 से मनाया जा रहा है। पहले ये 20 नवंबर को मनाया जाता था लेकिन 27 मई 1964 में (Jawaharlal Nehru) जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उनकी याद को चिर स्थाई रखने के लिए सरकार ने बाल दिवस का दिन बदलकर नेहरू के जन्म दिन 14 नवंबर कर दिया। पंडित नेहरू को सम्मान देने के लिए संसद में सर्वसम्मति से बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा भी की गयी और अब हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू की जयंती पर बाल दिवस मनाया जाता है। हालांकि भारत के अलावा अन्य देशों में अभी भी 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता है।
नेहरू जी का बच्चों से विशेष लगाव
पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बहुत पसंद थे। वे बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। वे बच्चों से अक्सर मिलते थे और उनके साथ खेलते थे। वे बच्चों को पढ़ाई के महत्व के बारे में बताते थे। उन्होंने बच्चों के लिए कई स्कूल और अस्पताल बनवाए।
नेहरू जी के कुछ प्रसिद्ध कथन
“बच्चे देश का भविष्य हैं।”
“बच्चे बगीचे की कलियों की तरह होते हैं।”
“बच्चों को प्यार से और ध्यान से पाला जाना चाहिए।”
बाल दिवस मनाने का उद्देश्य
बाल दिवस मनाने का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों और कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन बच्चों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बच्चों को खेल-कूद, संगीत, नृत्य आदि में भाग लेने के अवसर दिए जाते हैं। उन्हें उनके अधिकारों के बारे में बताया जाता है।
बाल दिवस पर बच्चों के लिए कुछ सुझाव
इस दिन आप बच्चों के साथ कोई खेल या गतिविधि करें।
उन्हें उनके पसंदीदा काम करने दें।
उन्हें उनके अधिकारों के बारे में बताएं।
उन्हें बताएं कि वे देश का भविष्य हैं और उन्हें अपने सपने पूरे करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।