पहले यहां गस्त करते थे भारतीय सैनिक
ड्रैगन आखिर बॉर्डर पर चाहता क्या है? एक तरफ वह बातचीत से सीमा विवाद को हल करने कीबात कर रहा है लेकिन दूसरी तरफ उसकी सेना ऐसी विवाद को बढ़ाने वाली बातें कर रही है। अबचीन ने ऐसी नई चाल चली है जिससे भारतीय सेना (Indian Army) का पेट्रोल पॉइंट 14 (पीपी-14) Petrol Point 14 (PP-14)तक पहुंचना मुश्किल हो जाए। दूसरी तरफ ईस्ट लद्दाख केग्रामीण लोगों ने चीनी सेना की चाल के बारे में बताया है।
गांववालों ने बताया कि पैंगांग झील (Pangang Lake)के पास चीनी निर्माण तेजी से जारी है।
चीन ने गलवान घाटी में जो नई पोस्ट और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया है उससे भारतीय सेना को दिक्कतें होंगी। चीनी सेना ने यह नया निर्माण गलवान और श्योक नदी के मिलने वाले पॉइंट के पास किया है। उस पॉइंट का आकार इंग्लिश के वाई जैसा है, इसलिए इसे वाई-नाला कहा जा रहाहै।
चीन की सेना ने यह निर्माण बहुत तेजी से किया है। इसमें सेना के लिए रहने की जगह, बाकी
इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि बनाया गया है। इस चीनी निर्माण का मतलब है कि एक किलोमीटर का रास्ता
पैदल पीपी-14 तक (Galvan Valley)जाता है, इस पर भारतीय सेना कई दशकों से गस्त करती
थी, लेकिन अब चीनी सैनिक इस रास्ते को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय सैन्य
अधिकारियों के साथ कई मोर्चों पर जहां चीनी सेना पीछे हटी है, वहीं वाई नाला में उसके सैनिक डटे
हुए हैं।
गलवान के आसपास के लोगों ग्रामीणों ने बताया कि चीनी सेना सिर्फ गलवान नहीं पैंगांग झील के
पास फिंगर एरिया में तैनात है। गांववाले बताते हैं कि रात में अपनी तरफ से भी चीनी कैंप और
वहां हो रहा सड़क निर्माण आसानी से देखा जा सकता है। बॉर्डर की हलचल से वाकिफ सूत्रों ने
बताया कि ऐसे में हालात सामान्य होने में वक्त लग सकता है, क्योंकि चीन एक जगह से सैनिक
हटाकर दूसरी जगह तैनात कर रहा है। पैंगांग झील के पास से भी चीन ने सेना अबतक नहीं हटाई
है। ईस्ट लद्दाख से भाजपा पार्षद ताशी नामग्याल(BJP councilor Tashi Namgyal) यह भी
दावा कर चुके हैं कि कल्लत, मान और मरक के लोगों ने देखा है कि चीनी सैनिक नावों में बैठकर
फिंगर 4 एरिया की तरफ आए हैं। गांववालों का कहना है कि उन्होंने (चीन) फिंगर 4 तक सड़क भी
बना ली है।