तेंदूखेड़ा –
विगत कुछ दिनों से मां नर्मदांचल क्षेत्र में भी वेमासम वारिष के साथ बूंदाबादी एवं ओलो का कहर छाया हुआ है, और न ही सूर्यदेवता के दर्षन हुये है। बैसे तो तीन दिनों से मौसम में खराबी स्पश्ट रूप से देखने मिल रही है (सर्द )वर्फीली हवाओं के कारण मौसम ठंडा तथा ठिठुरन भरा रहा। ठंड ने फिर अपना प्रभाव बढ़ाना प्रारंभ कर दिया। विगत दिवस सोमवार की रात्रि एवं मंगलवार को दिन में वारिष के साथ ओले बरसे। इस दिन दिनभर आसमान पर बादल छाये रहे। अगर वर्शा रूकती है तो ठीक किन्तु वारिष का रूप आगे भी रहा तो निष्चित खासतौर से किसानों को भारी मुसीबत का सामना करना पडेगा। क्योंकि लगातार तीन दिनों से बूंदावानी, वारिष एवं ओलावृश्टि कुछ फसल जो पकने की स्थिति में है अथवा कट कर खेत में रखे है | वह फसले काफी खराब हो रही है। किसानों पर फिर आफत बरस रही है निष्चित तौर पर यदि आगे भी वर्शा होती है तो अवष्य नुकसान होगा, वैसे प्राप्त जानकारी के अनुसार कही कहीं पर वारिष एवं ओले अधिक गिरने से अरहर की फसलो को नुकसान पहुंचा है इस बार मसूर पहली बोनी के चना जो पकने की स्थिति में है की फसल काफी अच्छी रही है किन्तु वेमौसम वारिष एवं ओलो के कारण चिंता का विशय बना हुआ है। रवि की फसल जो बरसात के पूर्व बोईगई कम वारिष से सोसाबीन खराब हो गया। धान में अच्छी आवक से वंचित रह गई वैसे खरीफ की फसल चना, गेंहू पर सभी की उम्मीदे लगी हुई है कम वारिष के बाद कड़कडाती लंबी ठण्ड से फसले निष्चित नुकसान होने की संभावना है किसान चिंतित एवं साच मे पड गया है कि क्या वह प्रकृति की मार कबतक झेल सकेगा। किसानों को रवि फसल से किसानों को बहुत उम्मीद थी, किन्तु इस वर्श वर्शा की कमी से फसले बर्बाद हो गई है इस वर्श खरीफ की फसलों से बेहतर उम्मीद लगाये बैठा किसान असमय बेमौसम वर्शा से चिंचित होना स्वभाविक है अभी किसान फसलों से बहुत उम्मीद लगाये बैठा क्योकि मां नर्मदांचल क्षेत्र की आधार षिला कृशि प्रधान है।