अपने अध्यापकों को याद करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा था कि जिन्होंने मुझे सिखाया है, अब तक वो मेरे दिल में बसे हुए हैं। उन्होंने मुझे ज्ञान दिया और मुझे समाज में व्यवहार करना सिखाया, जिससे मुझे अपार लाभ मिला। देश के नेता बनने के बाद शी चिनफिंग ने कई बार स्कूल और क्लासरूम जाकर अध्यापकों और छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि 100 साल की बड़ी रणनीति शिक्षा है और शिक्षा की बड़ी रणनीति अध्यापक आधारित है। उनके दिल में शिक्षा कार्य हमेशा प्राथमिक विकास के स्थान पर बना हुआ है।
वर्ष 2016 में शिक्षक दिवस से पहले उन्होंने पेइचिंग में पा यी यानी 1 अगस्त को स्कूल जाकर वहां के अध्यापकों और छात्रों से मिले। इस स्कूल में शी चिनफिंग ने प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल में समय बिताया। सेवानिवृत अध्यापक चन चोंगहान, चेन यिंगछ्यो समेत कई अध्यापकों ने उन्हें शिक्षा दी थी। इस बार स्कूल में फिर मिलते समय वे बहुत खुश थे।
शी चिनफिंग ने कहा, आज मैं फिर स्कूल वापस लौटा, तो स्नेहपूर्ण भावना प्राकृतिक रूप से उमड़ पड़ी। मैंने पहले का स्थान देखा और यादें फिर ताजा हो गयी। मुझे उस समय के जीवन की बड़ी याद है। उस समय के अध्यापकों ने जो मुझे सिखाया, स्कूल की भावना और शैली, उनसे मुझ पर गहरा प्रभाव पड़ा। चाहे मैं कहीं भी जाऊं, मुझे गृहस्कूल की यादें अभी भी ताजा है। मैं गृहस्कूल के साथ हमेशा संपर्क बनाए रखता हूं।
स्कूल का दौरा करने के बाद अध्यापकों और छात्रों के साथ हुई बैठक में शी चिनफिंग ने आशा व्यक्त की कि व्यापक अध्यापकों को छात्रों के चरित्र निर्माण, ज्ञान सीखने, नवाचार करने और मातृभूमि में योगदान देने वाले मार्गदर्शक बनना चाहिए। उन्होंने कहा, अच्छा अध्यापक मिलना जीवन का सौभाग्य है। एक स्कूल में अच्छे अध्यापक होना स्कूल का गौरव है। एक राष्ट्र में पीढ़ी दर पीढ़ी के अच्छे अध्यापकों का उभरना एक राष्ट्र की आशा है।
वर्ष 2014 में शिक्षक दिवस के पहले शी चिनफिंग ने पेइचिंग नॉर्मल विश्वविद्यालय के दौरे के समय अध्यापकों के काम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का काम इसलिए महत्वपूर्ण है कि वे आत्मा, जीवन और व्यक्ति तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे अध्यापक को आस्था, नैतिकता, ज्ञान और प्रेम होना चाहिए। उन्होंने कहा, अच्छे अध्यापक को शिक्षा और प्रबुद्ध व्यक्ति तैयार करने में संलग्न होना चाहिए। अध्यापक का पद सिर्फ जीविका का धंधा नहीं है। कार्य की आकांक्षा होने से ही अच्छी उपलब्धि हासिल की जा सकेगी।
अच्छा अध्यापक बनने के लिए नेक नैतिकता होना और निरंतर अपने चरित्र की उन्नति करना चाहिए। अध्यापक छात्रों का आईना है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग हमेशा न्यायपूर्ण शिक्षा पर ध्यान देते हैं। उन्होंने एक बैठक में कहा था कि न्यायपूर्ण शिक्षा सामाजिक न्याय का मूल आधार है। हमें न्यायपूर्ण शिक्षा से सामाजिक न्याय को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, हमें शैक्षिक संसाधन के बंटवारे का समायोजन कर विभिन्न क्षेत्रों, शहर और गांव और विभिन्न स्कूलों के बीच फासला पाटना चाहिए, खासकर सुदूर और गरीब क्षेत्रों की बुनियादी शिक्षा में अधिक पूंजी लगानी चाहिए।
हमें गरीब क्षेत्र और कठिन परिवारों के छात्रों को सहायता देने की व्यवस्था को संपूर्ण बनाना चाहिए। हरेक बच्चे को आत्म-विश्वास और भविष्य के प्रति आशा भरना चाहिए। 10 सितंबर, 2018 को राष्ट्रीय शिक्षा महासभा पेइचिंग में आयोजित हुई। शी चिनफिंग ने इसे संबोधित करते हुए बल दिया कि आधुनिक समाजवादी शक्ति के निर्माण के लिए अध्यापक तैयार करने और समग्र समाज में अध्यापक के सम्मान के लिए अधिक ऊंची मांग की गयी है। उन्होंने कहा, शिक्षक सर्वोपरी गौरवपूर्ण है।
हरेक अध्यापक को इस गौरव और पेशे को मूल्यवान समझना चाहिए और अपने को निरंतर सुधारना चाहिए। शिक्षकों को शिक्षा में मन लगाकर नाम और लाभ के बारे में नहीं सोचना चाहिए। स्कूल की स्थिति सुधारने के साथ अध्यापकों के वेतन को निरंतर उन्नत किया जाना चाहिए, ताकि व्यापक अध्यापक बगैर परेशानी के शिक्षा देने में संलग्न रहेंगे। चीनी विशेषता वाली विश्व स्तरीय शिक्षा के विकास के लिए बड़ी संख्या वाले गुणवत्ता अध्यापकों की जरूरत है। शी चिनफिंग ने कहा, आज के छात्र भविष्य में चीनी राष्ट्र के महान पुनरुत्थान का चीनी सपना पूरा करने की मुख्य शक्ति होगी, जबकि व्यापक अध्यापक एक ड्रीम टीम तैयार करने वाले सपना निमार्ता है।