भारत की तरक्की की रफ्तार ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान जैसे बड़े-बड़े देश भी भारत की आर्थिक ग्रोथ के आगे पीछे रह गए हैं।
विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले सालों में भी भारत सबसे तेज़ बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। 2025-26 में विकास दर थोड़ा घटकर 6.3% हो सकती है, लेकिन फिर भी भारत दुनिया में टॉप पर रहेगा।
मुश्किल हालात में भी बनाई रफ्तार
2015 से 2018 के बीच भारत की GDP 7.5% से 8% तक बढ़ी थी। उस वक्त तेल की कीमतें कम थीं और सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’, FDI सुधार और GST जैसे बड़े कदम उठाए थे।
फिर 2019 में बैंकों और NBFC की दिक्कतें आईं। 2020 में कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दिया। उस साल GDP -7.3% तक गिर गई।
लेकिन भारत ने 2021-22 में शानदार वापसी करते हुए 8.7% ग्रोथ हासिल की। इसके बाद से भारत लगातार 6-7% की दर से बढ़ रहा है।
क्यों पिछड़ रहे बाकी देश ?
अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से महंगाई और खर्च में गिरावट
चीन की रियल एस्टेट सेक्टर में दिक्कत और रिश्तों में खटास
यूरोप में ऊर्जा की कमी और रूस-यूक्रेन युद्ध का असर
जर्मनी-जापान में बूढ़ी होती आबादी और उत्पादन में गिरावट
2025 में अमेरिका की ग्रोथ 1.4%, चीन की 4.5% और यूरोप की सिर्फ 1% रहने का अनुमान है।
भारत क्यों सबसे आगे?
भारत की ताकत उसका बड़ा युवा वर्ग, तेजी से बढ़ता मिडिल क्लास और घरेलू बाजार है। यहां लोग खुद ज्यादा खरीदारी करते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था चलती रहती है।
साथ ही सरकार सड़क, रेलवे, ऊर्जा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार निवेश कर रही है। इससे प्राइवेट कंपनियां भी निवेश कर रही हैं और रोज़गार के मौके बढ़ रहे हैं।
भारत की औसत उम्र 29 साल है। यानी यहां काम करने वाले लोग ज्यादा हैं और बुजुर्ग कम। यही वजह है कि भारत की रफ्तार बाकी देशों से ज्यादा है।