सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सिद्धार्थ मल्होत्रा, मनोज वाजपेयी और रकुल प्रीत सिंह की फिल्म अय्यारी पर बैन लगाने की आदर्श को-ऑपरेटिव सोसायटी के सदस्यों द्वारा दाखिल याचिका खारिज कर दी है। याचिका में कहा था कि फिल्म में सोसायटी को गलत तरीके से दिखाया गया है। फिल्म शुक्रवार को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म को नीरज पांडे ने निर्देशित किया है। इसके रिव्यू की बात करे तो सेना में भ्रष्टाचार दिखाने वाली अय्यारी जटिल कथानक और घुमावदार रास्तों से होकर दो घंटे 40 मिनट तक बांधने की कोशिश करती है, लेकिन तमाम सिरे ढीले रह जाते हैं। फिल्म की कहानी मनोज वाजपेयी और सिद्धार्थ मल्होत्रा के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी की बता करें तो देश के दुश्मनों को ढूंढने के लिए सेना के मुख्य अधिकारी जनरल प्रताप मलिक (विक्रम गोखले) कर्नल अजय सिंह (मनोज बाजपेयी) के नेतृत्व में सात सदस्यीय यूनिट का गठन करते हैं। इसमें मेजर जय बख्शी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) शामिल है। जय ने प्रताप मलिक से बहुत कुछ सीखा है और उन्हें अपने जीवन में खास जगह देता है। यूनिट को खास मिशन के लिए जनरल प्रताप सिंह ने बीस करोड़ रुपये दिलाए हैं। उन्होंने जय को कंप्यूटरों और लैपटॉप की हैकिंग द्वारा दुश्मनों का पता लगाने का जिम्मा सौंपा है। उन्हें लोगों पर गद्दारी का शक है। इसके बाद हैकर सोनिया गुप्ता (रकुल प्रीत सिंह) की मदद से जय को जब राज पता लगने लगते हैं तो शक का दायरा 22 लोगों तक फैल जाता है और कुछ चौंकाने वाली जानकारियां मिलती है। सेना के लिए चौगुने दाम पर हथियार खरीदे जा रहे हैं और इसके तार मुंबई में शहीद सैनिकों की विधवाओ के लिए बन रही एक हाउसिंग सोसायटी में भ्रष्टाचार से जा जुड़ते हैं। कहानी के संवाद यहां राजनीतिक होने लगते हैं और पिछली सरकारें कठघरे में आने लगती हैं। कौन बिक रहा है, कौन देश को गद्दारों से बचा रहा है? जय-अजय में टकराव शुरू हो जाता है।