Sports News भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सिडनी के दर्शकों
को ऑस्ट्रेलिया के सबसे अभद्र दर्शक बताया है।
अश्विन ने कहा कि उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में जब भी खेला है
तब उन्हें स्टैंड में मौजूद दर्शकों की तरफ से अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ा है,
खासकर लोअर टिएर में बैठे दर्शकों की तरफ से।
इसी मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है।
अश्विन ने रविवार को कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि एससीजी में
अधिकारी प्रशंसकों को नस्लीय टिप्पणी करने देते हैं।
यहां जारी तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भी भारतीय टीम ने नस्लीय टिप्पणियों का सामना किया।
चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने कहा, यह मेरा ऑस्ट्रेलिया का चौथा दौरा है।
खासकर यहां सिडनी में पहले भी हमने काफी कुछ अनुभव किया है।
मुझे लगता है कि पहले एक या दो बार खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है
(विराट कोहली द्वारा 2012 में एससीजी पर बीच की उंगली दिखाना,
जिसके कारण उन्हें मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना देना पड़ा था।) यह खिलाड़ी की गलती नहीं है,
यहां दर्शक खराब तरह से बात करते हैं खासकर लोअर टिएर में बैठे लोग।
वह लोग काफी अभद्र होते हैं।
उन्होंने कहा, इस बार वह एक कदम आगे चले गए और नस्लीय टिप्पणी की,
हमने कल ही इसके खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज करा दी थी।
यह आज के दिनों में आज के युग में जहां हमारा समाज काफी आगे बढ़ चुका है, बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
कई बार मुझे लगता है कि इसकी जड़ आपकी परवरिश में होती है। इसका सख्ती से सामना किया जाना चाहिए।
हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह दोबारा नहीं हो।
मोहम्मद सिराज ने रविवार को अंपायरों के सामने इस मामले को उठाया।
इसके बाद सुरक्षा गार्डो ने छह दर्शकों को मैदान से बाहर भेज दिया।
इसके बाद क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने बयान जारी कर कहा कि उसकी नस्लवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस पॉलिसी है।
अश्विन ने कहा, अंपायरों ने हमेशा कहा था कि जैसे ही इस तरह की हरकत हो हमें तुरंत
उसके बारे में बताना होगा और फिर वह इसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
मैं इस बात से हैरान हूं कि दर्शकों का एक हिस्सा लगातार ऐसा कर रहा है और उन्होंने
(सुरक्षा अधिकारियों) उन लोगों को पकड़ा नहीं और बाहर नहीं किया।
यह हैरानी वाली बात है। उन्हें इससे निपटना चाहिए।
हां, निराशाजनक इसके लिए काफी छोटा शब्द है। उन्होंने कहा,
निजी तौर पर मुझे लगता है कि एडिलेड और मेलबर्न इतने बुरे नहीं थे
लेकिन जैसा मैंने कहा कि सिडनी में यह लगातार हो रहा है।
मैंने निजी तौर पर भी इसका अनुभव किया है। यह लोग काफी अभद्र हो जाते हैं।
मुझे नहीं पता क्यों, क्या कारण है।
ऑफ स्पिनर ने कहा कि भारतीय क्रिकेटरों की मौजूदा पौध इसे हल्के में
नहीं लेगी और सिराज भी जानते हैं कि क्या करना है।
उन्होंने कहा, अगर मैं अपनी बात करूं तो मैं यहां पहली बार 2011-12 में आया था।
मुझे नहीं पता था कि नस्लीय टिप्पणी क्या होती है
और आपको कैसे कई लोगों के सामने छोटा महसूस कराया जाता है।
जब आपको गाली पड़ती है तो लोग आप पर हंसते हैं।
दूसरे लोग भी होंगे तो आप पर हंसेंगे। मुझे नहीं पता था कि क्या होता है।
आप जब भी सीमारेखा पर खड़े होते हो तो आप कोशिश करते हो कि 10 कदम दूर खड़े हों।
उन्होंने कहा, लेकिन जैसे ही चीजें होती है
और हमने अपने ज्यादा से ज्यादा दौरों से काफी कुछ सीखा है।
यह निश्चित तौर पर कबूल करने वाली बात नहीं है।
कल भी सिराज ने यह मामला उठाया। रहाणे, रोहित और मैं, हम सभी एक साथ थे और इसकी शिकायत की।
अब खिलाड़ी पहले से ज्यादा सक्षम हैं।
सिराज जो नए आए हैं, वो भी जानते हैं कि क्या करना है और वह लाइन के उस पार नहीं जा सकते।
यह शानदार चीज है। हम खुश हैं कि वो लोग बाहर कर दिए गए।