2018 विधानसभा चुनाव में ऊषा ठाकुर को जिताने की गई थी सेटिंग
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan)
के कमलनाथ सरकार को गिराने के ऑडियो का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कैलाश
विजयवर्गीय(Kailash Vijayvargiya) के बयान ने नया झमेला खड़ा कर दिया है।
एक इंटरव्यू में कैलाश विजयवर्गीय ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी
नेता ऊषा ठाकुर को जिताने के लिए अच्छा पैसा खर्च किया और सेंटिग की तब जाकर वे जीतीं हैं।
ऊषा ठाकुर (BJP leader Usha Thakur)बीजेपी की फायर ब्रांड नेता मानी जाती हैं। वे पार्टी की
प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। दरअसल, 2013 के विधानसभा चुनाव में ऊषा ठाकुर इंदौर की तीन नंबर
विधानसभा सीट से चुनीं गईं थी। वे 2018 में भी तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩा
चाहतीं थी, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय ने तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र से अपने बेटे आकाश
विजयवर्गीय के टिकट के लिए अड़ गए। ऐसे में पार्टी को अपना निर्णय बदलना पड़ा और ऊषा
ठाकुर को महू भेज दिया। महू से कैलाश विजयवर्गीय लगातार दो बार चुनाव जीत चुके थे, इसलिए
उन्हें ऊषा ठाकुर को जिताने की जिम्मेदारी दी गई। विजयवर्गीय ने स्वीकार किया है कि उन्होंने
महू में चुनाव जीतने के लिए बड़ी रकम खर्च की थी और सेटिंग करके चुनाव जीता। कांग्रेस ने की
चुनाव आयोग में शिकायत बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की इस स्वीकारोक्ति के बाद
एमपी की सियासत में बवाल मच गया है। कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग में की
है और उषा ठाकुर का निर्वाचन रद्द करने की मांग की है। साथ ही आयकर विभाग से भी इस
मामले में संज्ञान लेने की बात कही है। इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी
का कहना है कि विजयवर्गीय ने स्वीकर किया है कि वो पैसे से लोकतंत्र को खरीदते हैं। उन्होंने कहा
कि कैलाश विजयवर्गीय ने 6 बार विधानसभा और एक बार मेयर के चुनाव पैसे बांटकर और वोटरों
को प्रलोभन देकर ही जीतें है। इसके अलावा अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को भी पैसे बांटकर
और सेंटिंग करके ही चुनाव जितवाया है। वे हर बार अच्छा पैसा खर्च कर और सेंटिग से चुनाव
जीतते आए हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उस पैसे का स्रोत क्या है, इस मामले की चुनाव
आयोग को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई भी करनी चाहिए।
उपचुनाव से पहले भारी न पड़ जाए बड़बोलापन
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय अपने बड़बोलेपन के कारण अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। वे ऐसे
बयान देते है जो अक्सर मीडिया की सुर्खियां बन जातीं है, लेकिन मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर होने
वाले उपचुनाव में ये बड़बोलापन पार्टी को भारी न पड़ जाए, क्योंकि वो सीधे-सीधे वोटरों को
खरीदने की बात कह रहे हैं और चुनाव में अच्छा खासी रकम खर्च करने की बात कह रहें हैं। ऐसे में
कांग्रेस को तो मौका मिल ही गया है, तो वहीं बीजेपी को भी बैकफुट पर जाना पड़ सकता है। मालूम
हो कि इन्हीं 24 सीटों की हार जीत पर सरकार का भविष्य टिका हुआ है।