नयी दिल्ली 23 अप्रैल – राजधानी की कड़कड़डूमा अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव को चेक बाउंस मामले में आज छह माह जेल की सजा सुनाई और बाउंस हुए प्रति चेक 1.60 करोड रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश भी दिये।
इस मामले में अभिनेता के अलावा उनकी पत्नी राधा और उनकी कंपनी श्री नौ रंगा गोदावरी इंटरटेंमेंट लिमिटेड आरोपी थे। अदालत ने इस मामले में राजपाल यादव को शुक्रवार को दोषी ठहराया था, जबकि फैसले का एलान आज किया।
राजपाल यादव को सजा सुनाये जाने के बाद अदालत ने साढ़े तीन लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। उनकी पत्नी को भी दस लाख रुपये हर्जाना भरने का आदेश दिया गया है।
अदालत के फैसले के बाद राजपाल यादव ने अदालत परिसर में मौजूद मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, किंतु निर्णय के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। राजपाल यादव पर सात चेक बाउंस होने का आरोप था।
शिकायतकर्ता की शिकायत थी कि अभिनेता ने अप्रैल 2010 में उनसे मदद मांगी। इसके बाद 30 मई 2010 को दोनों के बीच हुए समझौते में पांच करोड़ रुपये का ऋण दिया गया। ऋण और ब्याज मिलाकर राजपाल को कुल आठ करोड़ रुपये की राशि लौटानी थी। लक्ष्मी नगर की मुरली प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने सात चेक बाउंस होने की शिकायत प्रीत विहार थाने में दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, राजपाल यादव ने निर्देशक के तौर पर अपनी पहली फिल्म ‘अता पता लापता’ को बनाने के लिए पांच करोड़ रुपये उधार लिये थे। यह फिल्म दो नवंबर 2012 को रिलीज हो गई, किंतु उधार ली गई धनराशि अदा नहीं की गई।
अदालत ने दोषी करार देते हुए कहा कि जब आरोपितों ने स्वयं यह बात स्वीकार की है कि संबंधित चेक उनके खाते से जुड़े हैं और हस्ताक्षर भी उन्हीं के हैं, तो शिकायतकर्ता को चेक बाउंस का मुकदमा करने का अधिकार मिल गया। गत बीस अप्रैल को कड़कड़डूमा अदालत के अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी अमित अरोड़ा ने राजपाल यादव को पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में दोषी करार दिया था। अदालत ने सात मामलों में अभिनेता को दोषी ठहराया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद अदालत ने राजपाल को हाजिर होने के लिए कई समन भेजे, किंतु वह एक बार भी पेश नहीं हुए। इसके अलावा अभिनेता के वकील ने अदालत में गलत हलफनामा भी पेश किया था, जिसके लिए अदालत ने काफी फटकार भी लगाई थी। इस मामले में राजपाल यादव को दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2013 में दस दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेजा था।
मिश्रा सुरेशवार्ता