भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने राजनांदगांव
में किसान की आत्महत्या पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि धान खरीद को लेकर सरकार के रवैये से किसान आत्महत्या को मजबूर हैं।
डा.सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीद शुरू होने के पहले ही
सप्ताह में किसान सरकार के खरीद के लिए मनमानीपूर्ण बनाए गए नियमों से दुखी और निराश हो गया है।
कोन्डागांव में भी किसान की मौत हुई है।उन्होने कहा कि पूरे प्रदेश में किसान तनाव की स्थिति में है।
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उन्होने कहा कि धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होने के साथ भूपेश सरकार ने किसानों को निराश किया।
पहले पंजीयन में गड़बड़ी की गई,फिर उनके रकबे काटे गए।जिन किसानों के पास 10-12 एकड़ रकबा है
उन्हे सोसाइटी पहुंचने पर पता चला कि उनका धान बिक्री के लिए एक-डेढ़ एकड़ ही रकबा दर्ज है,
शेष काट दिया गया है।इससे मेहनतकश किसान हताशा और निराशा से जूझ रहा है।
बस्तर में किसानों की धान खरीद को लेकर स्थिति को और खराब बताते हुए डा.सिंह ने कहा कि
भूपेश सरकार ने घोषणा किया था कि वन भूमि पट्टे पर उत्पादित धान की भी समर्थन मूल्य पर खरीद होगी।
अब जब अधिकृत रूप से पट्टाधारी किसान धान बेचने खरीद केन्द्रों पर जा रहे हैं तो उन्हे वापस लौटा दिया जा रहा है।
डा.सिंह ने आज ही एक ट्वीट में राजनांदगांव में धान खरीद केन्द्र पर किसान की मौत की एक प्रमुख अखबार में छपी
खबर को टैग करते हुए आरोप लगाया कि..कांग्रेस सरकार की वादाखिलाफी,भ्रष्टाचार,कमीशनखोरी,
अराजक सिस्टम किसानों की जान लेने पर उतारू हैं।
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