जम्मू एवं कश्मीर से लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने कहा भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच में स्थित होने के कारण घाटी के लिए आजादी कोई विकल्प नहीं है। पुंछ जिले के मंडी इलाके में पार्टी की एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा हम भारत के साथ ही रहना चाहते हैं, लेकिन भारत को कश्मीरी आवाम को वाजिब सम्मान देना होगा। उन्होंने पाकिस्तान को नसीहत दी कि उसे कश्मीर की चिंता नहीं करते हुए अपनी समस्याओं पर गौर करना चाहिए।
उन्होंने कहा एक तरफ चीन और पाकिस्तान जैसी परमाणु शक्तियां हैं, और दूसरी तरफ भारत है। उन्होंने कहा हमारे पास न परमाणु बम है, न सेना है और न लड़ाकू विमान हैं। स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में हम कैसे जिंदा रह पाएंगे? लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि हम भारत के गुलाम हैं। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक ने कहा कि भारत को हर हाल में यहां के लोगों को आदर और सम्मान देना होगा, अन्यथा कश्मीर के हालात नहीं बदलेंगे। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह यहां के लोगों के दिल और दिमाग जीतने की कोशिश करे, क्योंकि सोने की भी सड़क बना देने से कुछ नहीं होगा। फारूक ने पड़ोसी पाकिस्तान की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान बंदूक से नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी समस्याएं नहीं सुलझा पा रहा है फिर वह हमारे लिए क्या करेगा