मॉनसून के मौसम में पहाड़ों की सैर का मजा ही कुछ और होता है। खासकर दिल्ली-एनसीआर से लोग मसूरी, शिमला, ऋषिकेश और नैनीताल जैसे हिल स्टेशनों की तरफ रुख करते हैं। लेकिन बढ़ती भीड़ और ट्रैफिक जाम की समस्याओं को देखते हुए अब मसूरी टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने इस नए सिस्टम को लागू किया है ताकि मसूरी आने वाले पर्यटकों की संख्या को मॉनिटर किया जा सके और ट्रैफिक व पर्यावरण पर दबाव कम किया जा सके।
क्यों जरूरी है मसूरी टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन?
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, मसूरी में 2022 में 11 लाख पर्यटक आए थे जो 2024 में बढ़कर 21 लाख हो गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में आने-जाने से ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ आम हो गई है। जून में एक पर्यटक की इलाज के अभाव में ट्रैफिक में फंसकर मौत भी हो गई थी। ऐसे में NGT के निर्देशों के बाद प्रशासन ने मसूरी टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया है।
कैसे करें मसूरी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन?
- उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
- एक ऑनलाइन फॉर्म भरें जिसमें मांगी गई जानकारी दें:
- नाम
- मोबाइल नंबर या ईमेल
- यात्रा की तारीखें
- यात्रियों की संख्या
- वाहन नंबर (यदि खुद की गाड़ी से आ रहे हैं)
3. ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद एक यूनिक QR कोड मिलेगा।
4. यही QR कोड चेकपोस्ट और होटल चेक-इन के समय स्कैन किया जाएगा।
होटल मालिकों को भी करना होगा रजिस्ट्रेशन
मसूरी में होटल, होमस्टे या कोई भी रहने की सुविधा देने वाले मालिकों को भी एक पोर्टल पर अपनी प्रॉपर्टी की डिटेल्स के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद वे अपने गेस्ट की बुकिंग के आधार पर उनकी भी जानकारी दर्ज कर सकते हैं।
क्या होंगे इसके फायदे?
ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर होगा
पर्यटकों की संख्या पर नियंत्रण रहेगा
होटल और पार्किंग की उपलब्धता का सही अंदाजा लगेगा
पर्यावरण पर पड़ने वाला दबाव कम होगा
मसूरी टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन का यह सिस्टम प्रशासन और पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, बशर्ते इसका पालन सही तरीके से किया जाए। आने वाले समय में यह मॉडल अन्य हिल स्टेशनों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।
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