“जीएसटी”
केंद्र सरकार से जवाब तलब, 16 फरवरी तक अपना जवाब देने का निर्देश
मुंबई हाईकोर्ट ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को टैक्स प्रणाली के प्रतिकूल बताया है. हाईकोर्ट ने कहा कि जीएसटी, प्रणाली कर के अनुकूल नहीं है, भले ही केंद्र सरकार ने इसका बहुत प्रचार-प्रसार किया है. दरअसल अबीकोर एंड बेनजेल टेक्नोवेल्ड नामक कंपनी ने हाईकोर्ट में जीएसटी के चलते आ रही दिक्कतों को लेकर एक याचिका दायर की थी. इस याचिका की सुनवाई न्यायाधीश एस.सी.धर्माधिकारी व भारती डांगरे की खंडपीठ कर रही है सुनवाई करते हुए पीठ ने यह व्यवस्था दी. पीठ ने कहा, ‘जीएसटी जैसे टैक्स का बहुत प्रचार-प्रसार किया गया और लोकप्रिय बताया गया. संसद का विशेष सत्र बुलाना या मंत्रिमंडल की विशेष बैठकें बुलाने का करदाताओं के लिए तब तक कोई मतलब नहीं है जब तक उन्हें वेबसाइट व पोर्टल तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित नहीं होती है. यह प्रणाली कर अनुकूल नहीं है.’ याचिका में कंपनी ने दावा किया है कि वह जीएसटीएन पर अपनी प्रोफाइल ही नहीं खोल पाई जिस कारण वह न तो ईवे बिल बना पाई और न ही अपना सामान भेज पाई. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब तलब करते हुए उसे अपना जवाब 16 फरवरी तक दाखिल करने को कहा है. अदालत ने उम्मीद जताई है कि इस नये कानून का परिपालन करने वाले कम से कम अब तो जागेंगे और इच्छित प्रणाली लागू करेंगे.