डॉनल्ड ट्रम्प समर्थक अपनी हार को डाइजेस्ट करने में असमर्थ होते दिख रहे है
जबसे अमेरिकी चुनाव के परिणाम आए है ट्रम्प समर्थकों कही ना कही अपना विरोध जारी रखा ही है
रोड पर मार्च से लेकर धरना देने तक उनकी कोई ना कोई ऐक्टिविटी में हिस्सेदारी हमेशा देखी जा रही थी परंतु अब बात ज़्यादा बिगड़ गई।
ट्रम्प समर्थकों ने हज़ारों की तादाद में एक साथ व्हाइट हाउस और कैपिटल बिल्डिंग में घुसकर
हंगामा कर दिया जैसे जैसे बाइडन की शपथ ग्रहण समारोह की तारीख़ नज़दीक आ रही है
ट्रम्प समर्थकों का रूख उग्र होते नज़र आ रहा है।ट्रम्प समर्थकों के कैपिटल बिल्डिंग में हमले से चार लोगों की मौत
हो गई है और बहुत से लोग घायल हो चुके है। इस हमले की निंदा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर दुनिया भर के तमाम बड़े नेताओ ने की।
अभी तक 50 से ज़्यादा प्रदर्शनकारियो को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
सुरक्षा को ध्यान में रख कर ट्रम्प के सोशल मीडिया अकाउंट्स को थोड़े समय के लिए बंद कर दिया गया है।
सभी बड़े नेताओ ने ट्रम्प समर्थकों को धैर्य रखने का संदेश दिया।
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ट्रम्प समर्थकों को अमेरिकी चुनाव में भरोसा नहीं रहा ऐसा कहना है
उन समर्थकों का। कई राज्य में ट्रम्प जीत सकते थे परंतु उनके साथ साज़िश की गई उन्हें हारने की।
भारत के विपरीत अमेरिका में हर राज्य की अपनी अलग चुनाव मशीनरी है।
प्रत्येक राज्य राष्ट्रपति के चुनावो अपने तरीक़े से प्रबंधित करवाता है।
जबकि भारत में सिर्फ़ एक चुनाव आयोग है जो सम्पूर्ण भारत में प्रधानमंत्री मुख्य मंत्री
सांसद विधायक राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के चुनाव करवाता है