मध्य प्रदेश समेत पुरे देश में किसान क़र्ज़ के चलते आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
हालही में यह तीसरा मामले सामने आया हैं जहा किसान ने क़र्ज़ के चलते अपनी जान दे दी। दो मालमे बैतूल जिले के थे जहा क़र्ज़ के दबाब में आकर किसानों ने अपनी जान दे दी थीं इसके बाद अब रायसेन जिले के बरेली क्षेत्र का है।
बताया जा रहा है की किसान के ऊपर करीब तीन लाख का कर्ज था जिसे वो चुका नहीं पा रहा था इसलिए उसने यह कदम उठा लिया। पुलिस के मुताबिक बरेली के नयागांव कलां में रहने वाले किसान दिलीप धाकड़ पुत्र निरपतसिंह (50) ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। पुलिस का कहना हैं की उसने कीटनाशक पी लिया था जिसके बाद उसे देर रात उल्टियां शुरू हो गईं। परिजन उसे जिला अस्पताल ले कर पहुंचे जहा डॉक्टर ने उसे भोपाल रेफर कर दिया। हालांकि भोपाल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सही दाम नहीं मिलने पर उठाया कदम
बताया जा रहा है की फसल के सही दाम नहीं मिलने पर किसान इतना टूट गया की उसके पास बस यही एक चारा बचा। मर्तक के बेटे ने बताया की उन पर करीब 3 लाख का क़र्ज़ था जिसके चलते वो अपनी एक ज़मीन भी बेचना चाहते थे। लेकिन सही दाम नहीं मिलने पर ज़मीन को नहीं बेच रहे थे। इसके बाद उन्होंने अपनी जान ले ली।
सरकार की आखे अभी भी बंद
वर्तमान में होने वाले किसान आंदोलन पर सरकार सभी से 25000 के बांड भरवाने में लगी हुई हैं। लेकिन अभी के अभी में यह तीसरा मामले सामने आ गया है जब किसी किसान ने आत्महत्या की हैं। आखिर किसानों का क़र्ज़ माफ़ क्यों नहीं किया जा रहे। शिवराज सरकार इन चीज़ो को क्यों नज़र अंदाज़ कर रहीं हैं। अगर बांड भरवाने की जगह किसानों के क़र्ज़ माफ़ कर दिए जाता तो बेहतर होता। 1 जून से किसान आंदोलन शुरू होने वाला हैं इस दौरान कोई हिंसा न हो सरकार उसकी तैयारी में जुटी हैं। अगर ऐसे ही किसान आत्महत्या करते रहें तो इनका आंदोलन एक अलग रूप ले सकता हैं।