अगामी 2019 विश्व कप में इस बार मौजूदा चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया की दावेदारी बेहद कमजोर मानी जा रही है। वहीं भारत और मेजबान इंग्लैंड को प्रबल दावेदारों में सबसे ऊपर माना जा रहा है। इसका कारण हाल में भारत और इंग्लैंड का शानदार प्रदर्शन रहा है। इन दोनो ही टीमों ने तकरीबन सभी टीमों को हराया है और इनके खिलाड़ी अच्छे फार्म में हैं।
वहीं 2015 की विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम इस बार बेहद कमजोर है।
स्टीवन स्मिथ और डेविड वार्नर पर लगे प्रतिबंध के बाद से ही टीम का प्रदर्शन लगातार नीचे आता गया है। यहां तक की उसे कमजोर टीमों से भी हार का सामना करना पड़ा है। वहीं दक्षिण अफ्रीका की टीम किसी भी उलटफेर में सक्षम है।
विश्व कप में किसकी-कैसी संभावनाएं
ऑस्ट्रेलिया -2015 विश्व कप की विजेता ऑस्ट्रेलिया टीम को कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। बड़े खिलाड़ियों के संन्यास के बाद स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर जैसे बल्लेबाज पर प्रतिबंध, ऑस्ट्रेलिया के लिए कठिन समय ले आया। ऑस्ट्रेलिया ने बीते 4 सालों में सिर्फ 29 मुकाबले जीते हैं। उनका जीत प्रतिशत 43.94 बनता है।
भारत -क्रिकेट दिग्गजों अनुसार भारतीय टीम के 2019 विश्व कप जीतने के 80 प्रतिशत अवसर है।
वैसे भी विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम में विश्व कप जीतने की पूरी क्षमताएं है। भारत के पास अच्छा गेंदबाजी आक्रमण है। इसके साथ ही उसके पास रोहित शर्मा, शिखर धवन और कोहली जैसे बल्लेबाज हैं। भारत ने पिछले 4 सालों के दौरान 53 मैच जीते हैं। उनका जीत प्रतिशत 67.09 बनता है।
इंग्लैंड -मई के अंत में शुरू होने वाले क्रिकेट विश्व कप में सबकी नजरें इंग्लैंड पर रहेगी।
इंगलैंड ने बीते साल सालों के दौरान अपनी क्रिकेट में जबरदस्त बदलाव किया है। उनके पास अच्छे ऑलराऊंडर है। उनकी तेज गेंदबाजी में दम है। इसके अलावा जो रूट और इयोन मोर्गन जैसे बल्लेबाज उसके पास है। इंगलैंड ने पिछले चार सालों के दौरान 51 मैच जीते हैं। उनका जीत प्रतिशत 66.23 है।
न्यूजीलैंड : कीवी टीम के पास इस समय अच्छे क्रिकेटरों की भरमार है।
केन विलियमसन, कोलिन मुनरो, रोस टेलर कुछ ऐसे क्रिकेटर हैं जो आगामी विश्व कप में न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी कर सकते हैं। न्यूजीलैंड 2015 विश्व कप का फाइनलिस्ट रहा था। इन 4 सालों में उन्होंने 39 एकदिवसीय मैच जीते हैं। उनका जीत प्रतिशत 54.93 बनता है।
वेस्टइंडीज -दो बार की विश्व विजेता रही इंडीज टीम पिछले एक दशक से लगातार नीचे जा ओर जा रही है।
इस दौरान उन्होंने भले ही टी-20 विश्व कप जीता हो पर एकदिवसीय में टीम का प्रदर्शन लगातार नीचे जा रहा है। पिछले 4 सालों में उन्हें केवल 15 मैचों में जीत मिली है। इस प्रकार उनका औसत केवल 26.32 प्रतिशत बनता है।
दक्षिण अफ्रीका – दक्षिण अफ्रीका के पास भले ही एबी डीविलियर्स और एबी मोर्केल की पावर नहीं है लेकिन बावजूद इसके वह अपने तेज गेंदबाजों की बदौलत बड़ा फेरबदल करने की हिम्मत रखता है। दक्षिण अफ्रीका ने पिछले 4 सालों के दौरान 41 एकदिवसीय जीते हैं। उनका जीत प्रतिशत 60.29 बनता है।
श्रीलंका : 2011 विश्व कप की फाइनलिस्ट श्रीलंकाई टीम कुमार संगाकारा, महेला जयर्वद्धने और तिलकरत्ने दिलशान के जाने के बाद से ही संभल नहीं पायी है। वह इन चारों सालों में सिर्फ 23 मुकाबले ही जीती है। उनका सफलता प्रतिशत केवल 29.11 है।
पाकिस्तान – टी-20 रैंकिंग में नंबर वन तक पहुंच चुकी पाकिस्तान टीम कभी भी उलटफेर का दम रखती है। वह पिछले 4 सालों के दौरान 35 एकदिवसीय जीत चुकी हैं। उनका जीत प्रतिशत 50.72 बनता है।
जिम्बाब्वे – एंडी फ्लावर, हीथ स्ट्रीक द्वारा क्रिकेट छोडऩे के बाद जिम्बाब्वे टीम लगातार नीचे जा रही है। कई नामी क्रिकेटर जिम्बाब्वे के लिए खेले पर कोई भी प्रदर्शन स्थाई नहीं रख पाया। जिम्बाब्वे ने पिछले 4 सालों के दौरान 20 मैच जीते हैं। उनका जीत प्रतिशत 27.03 बनता है।
बांगलादेश और अफगानिस्तान – इन दोनों टीमों ने इन चार सालों के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे। इस दौरान अफगानिस्तान क्रिकेट तेजी से उभरा है। बांगलादेश ने भी कुछेक मौकों पर अच्छी क्रिकेट खेलकर सभी को हैरान किया है। इन दोनों टीमों ने चार साल के दौरान सिर्फ 30 एकदिवसीय जीते हैं। उनका जीत प्रतिशत 54.55 बनता है।
आयरलैंड – आयरलैंड की टीम ने कुछ सालों से अपने प्रदर्शन से सबको हैरान किया है। वह इन 4 सालों में 17 बार जीत चुके हैं। उनका जीत प्रतिशत 39.53 बना हुआ है।