जब घर मे नन्हा मेहमान आता है तब पूरे परिवार के लिए वो पल खुशी भरा रहता है
घर के सभी सदस्य उस बेबी के साथ खूब खेलना चाहते है।
लेकिन इन सब के वाबजूद हम बेबी (Baby Products) की उतने अच्छे से ख्याल नही कर पाते है।
हमे यह पता करना जरूरी हो जाता है कि उसके शारिरिक विकास से लेकर
उसके मानसिक विकास कैसा हो रहा है यह भी ध्यान रखना चहिये की बेबी के आसपास की सफाई जरूरी है
अगर आप धूम्रपान करते है (Baby Care) तो बेबी के पास नही आएं,
यहां तक कि उसकी दिन प्रतिदिन की प्रक्रिया कैसी दिख रही है, इस बात का विशेष ध्यान दें तो आइए जानते है
कि 3मंथ की स्टेज में क्या अपनाए कुछ टिप्स जिससे और कर सकें बेबी की केअर।
1) माँ का दूध अवश्य पिलाये
कहते है माँ के दूध में कुछ ऐसे अम्ल होते है जिससे कि बेबी का मानसिक विकास अच्छा होता है
और बच्चा माँ से भावनात्मक से भी और जुड़ जाता है माँ अपने बच्चे को पिलाती है
तो माँ को भी पोष्टिक खाना खाना चाहिए ।कहा जाता है
बच्चे को माँ का दूध कम से कम 2 साल तक अवश्य पिलाएं जिससे कि
आपका बच्चा सिर्फ स्वस्थ ही नहीं बल्कि उसके
मानसकि विकास पर भी इसका गहरा संबंध जुड़ जाएगा। समय समय पर उसको दूध भी अवश्य पिलाएं।
2) बेबी को अकेला या रोता हुआ ना छोड़ें
कुछ माता पिता का यही सोचना होता है कि बेबी अगर रो रहा है
तो रोने दे उसकी इस रोने को ज़िद समझ लेते है और
इस वजह से भी बच्चे को मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ता है
इस बात को समझना जरूरी हो जाता है कि बेबी (Baby Carriers) के रोने के पीछे की वजह कहीं भूख ,
तकलीफ या नींद का कारण तो नही है जिस वजह से माता पिता को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
3) टीकाकरण समय पर करवाएं
यह सुनिश्चित करें कि 3 मंथ के बेबी का टीकाकरण कब होना चाहिए या फिर कौनसा टीका नही
लगा इस बात का भी ध्यान देना आवश्यक है जिस वजह से बेबी की जीवन में कोई परेशानी नाक खड़े हो।
यहां तक की टीकाकरण अगर हो गया है तो उस जगह के आसपास पानी ना लग पाए
इस बात का ध्यान रखना उचित होगा । टीकाकरण का चार्ट भी हमेशा अपने पास रखे.
4) सुलाते वक्त रखे ध्यान
जब भी आप बेबी को सुलाये तो इस बात का ध्यान रखें कि
बेबी को हमेशा पेट के बल ना सुलायें उसे हमेशा पेट के बल ही सुलायें।
जहां तक हो शिशु के बिस्तर को सुरक्षित बनाएं और उस पर किसी भी तरह का खिलौना,
कंफर्टर, अतिरिक्त तकिया या कुशन न रखें। कोशिश करें
बेबी की नींद सही तरह से पूरी हो सके क्यंकि बेबी की नींद 15 से 16 घण्टे की होना आवश्यक है।
5) डायपर पहनाते समय रखें ध्यान
अगर आप अपने बच्चे को डायपर पहनाती हो तो इस बात का ध्यान रखें कि डायपर
की क्वालिटी कैसी है सही डायपर के प्रोडक्ट का चुनाव करें।
यह भी ध्यान रखे कि अगर डायपर ज्यादा पहना रही है
तो 3 से 4 घण्टे तक ही उसका उपयोग करें । नहीं तो बेबी को रैशेस होने को सम्भावना हो जाती है ।
6) रोजाना सफाई करें
नवजात शिशु को ज्यादा सफाई की ज़रूरत पड़ती है
जिस वजह से बेबी को रोजाना नहलाये अगर किसी कारण वश नही नहला पाए
तो बेबी को अच्छे से पूरे शरीर की सफाई करें।
अगर हो सकें तो उसके आस पास भी सफाई ज़रूर रखें।अगर, आप अपने शिशु
और पानी से टब में स्नान करना पसंद करती हैं, तो वह भी ठीक है।
ऐसा करने से आपके बेबी के नाभिठूंठ के सूखने व ठीक होने में रुकावट नहीं आती
और न ही किसी प्रकार के संक्रमण की संभावना होती है। बस यह ध्यान रखें
कि आप स्नान के तुरंत बाद उसके नाभिठूंठ को सुखा दें।
कोशिश करें कि स्नान करते हुए शिशु को कभी भी अकेला न छोड़ें – कुछ सैकंड के लिए भी नहीं.
7) 3 महीने शिशु का मानसकि और शारीरिक विकास
बेबी की जैसे जैसे ग्रोथ बढ़ती है हड्डियां और मांसपेशियो का भी विकास होगा।
उसकी गतिविधियां भी बढ़ती जाएंगी जिसके लिए यह देखना होगा
कि बेबी पहले की तुलना में देख ,New born baby products with price सुन पायेगा और जो बेबी के परिचित है
उनको देख और सुन कर उनके चेहरे को और उनकी आवाज़ को पहचाने की कोशिश कर पा रहा है।
किसी को कुछ रिस्पांस देने की कोशशि कर रहा है।
जैसे कि वो अपने अंगूठा चूसना शुरू कर दिया हो या फिर इधर उधर लुढ़क सकता है।
इसमें शिशु के देखने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
इसी समय किसी भी वस्तु को उनकी पकड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।