हर्ड इम्यूनिटी से हार सकता है कोरोना
कोरोना महामारी का कहर पूरी दुनिया में दिखा रहा है और भारत में भी आंकड़ा ढाई लाख पहुंच गया है।
लेकिन राहत की बात यह है कि भारत में 80 फीसदी (80% of Corona cases in India with no symptoms) से ज्यादा केस ऐसे हैं
जिनमें कोरोना के लक्षण प्रकट नहीं है और ऐसे केस की बहुतायत का फायदा
यह होगा कि भारत में हर्ड इम्यूनिटी विकसित होगी और फिर हम कोरोना को हरा पाएंगे।
देश के जाने माने कैंसर सर्जन डॉक्टर अंशुमान कुमार ने कहा कि देश में बिना लक्षण वाले कोरोना (एसिम्प्टोमैटिक)(asymptomatic) केस की संख्या ज्यादा है।
देश में बहुत सारे ऐसे लोग भी होंगे जिन्हें पता भी नहीं चलेगा और वह ठीक हो चुके रहेंगे।
जो स्टडी सामने आ रही है उसके मुताबिक भारत में 80 से 84 फीसदी लोगों को बिना
लक्षण वाला कोरोना हो रहा है।
ऐसे कोरोना में लोगों को बीमारी के लक्षण नहीं आते और जिन्हें आते भी हैं
उन्हें सिर्फ मामूली सर्दी-खांसी होती है और वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
इस तरह के कोरोना की एक हानि यह है कि इससे लोगों को फैलने का खतरा रहता है,
क्योंकि इससे प्रभावित लोग कैरियर का भूमिका निभाते हैं।
उनमें संक्रमण दिखाई नहीं देता इसलिए दूसरे लोग उनसे सावधानी नहीं बरतते हैं।
संपर्क में आने वाले लोग अनजाने में ही इस रोग का शिकार हो जाते हैं।
इसका फायदा यह है कि चूंकि इनमें लक्षण नहीं होते और मारक क्षमता कम होती है ऐसे में इससे ज्यादा हानि नहीं होती।
इस तरह से जब हम आकलन करते हैं तो देश में ज्यादातर केस ऐसे होंगे जिनमें
लोगों को बिना लक्षण वाले कोरोना होने का अंदेशा है
या फिर जिन्हें हुआ भी होगा वह ठीक भी हो चुके होंगे
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ज्यादातर लोग इससे संक्रमित होकर ठीक हो
जाएंगे तो हर्ड इम्युनिटी देश में विकसित हो जाएगी।
अभी देश भर में लॉकडाउन खोला गया है और इससे कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होना तय है
लेकिन जो स्टडी है उसमें देखा जा रहा है
कि सिर्फ 7 फीसदी लोगों में ही कोरोना वायरस का लोड ज्यादा है।
आईसीएमआर इसको लेकर स्टडी कर रही है। जब सैंपल लिया जाता है तो सीटी वैल्यू देखा जाता है जिससे पता चलता है कि कोरोना वारयस का लोड कितना है।
ऐसे 7 फीसदी मरीज से दूसरे के संक्रमित होने का खतरा 68 होता है।
यानी जिन मरीजों में वायरस लोड ज्यादा है उस एक मरीज से 68 लोगों को वायरस संक्रमित कर सकता है।
लेकिन जिन लोगों में वायरल लोड कम हैं
उनसे दूसरे को फैलने का औसत एक शख्स या उससे भी कम 8 आदमी है।
इस तरह से देखा जाए तो कोरोना से लड़ाई में ये सकारात्मक रिजल्ट आ रहे हैं।