नई दिल्ली – सन 2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली के तीन मौजूदा भाजपा सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं।
इसके साथ ही कुछ सांसदों की सीट भी बदली जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, नमो एप और स्थानीय स्तर पर कराए गए सर्वे के बाद आलाकमान टिकट देने पर विचार करेगा। दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर अलग-अलग सर्वे कराया गया है। इसी के आधार पर टिकट तय किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी ने लोकसभा की छह सीटों पर अपने प्रभारी तय कर चुनाव अभियान का शुभारंभ पहले ही कर दिया है।
इधर, भाजपा दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर पिछले चुनाव की तरह ही जीत के लिए रणनीति बना रही है। भाजपा के आला नेताओं का दावा है कि इस बार टिकट देने में जिताऊ उम्मीदवार के फॉर्मूले पर काम हो रहा है। दिल्ली का रिकॉर्ड रहा है कि यहां लोकसभा चुनाव जीतने वाली पार्टी ही केंद्र में सरकार बनाती है। इसीलिए कुछ बड़े नामों की एंट्री दिल्ली में हो सकती है। इसमें खेल और कला से जुड़े बड़े नामों पर दांव लगाया जा सकता है।
भाजपा आलाकमान अलग-अलग सीटों पर सर्वे करा रहा है।
सर्वे, संगठन और संघ की सहमति से उम्मीदवार तय करने पर मंथन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जिन सांसदों का काम संतोषजनक नहीं है और जिनकी सीट पार्टी को फंसती दिख रही है, वहां टिकट बदले जाएंगे। एक सांसद को यूपी से भी लड़ाने की तैयारी चल रही है। दिल्ली के टिकट सीधे हाईकमान से तय होंगे, ऐसे में स्थानीय स्तर पर पार्टी नेता सीधे तौर पर कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन टिकट कटने की आशंका उन्हें भी है।
चुनावों के दौरान भाजपा का फोकस सोशल मीडिया पर है। इसे लेकर खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी नेताओं से बात कर चुके हैं। स्थानीय स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। पार्टी के रणनीतिकार अपने प्रचार के साथ-साथ सोशल मीडिया पर दूसरी पार्टियों के दुष्प्रचार पर भी नजर रखेंगे। फिलहाल दिल्ली की सातों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी, पूर्वी दिल्ली से महेश गिरी, उत्तरी पश्चिमी दिल्ली से डॉक्टर उदित राज, दक्षिणी दिल्ली से रमेश बिधूड़ी, चांदनी चौक से डॉक्टर हर्षवर्धन, पश्चिमी दिल्ली से प्रवेश साहिब सिंह और उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी सांसद हैं।