ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता, बहुभाषी अभिनेता, थियेटर के प्रख्यात कलाकार और नाटककार गिरीश कर्नाड का सोमवार को यहां निधन हो गया। वह 81 साल के थे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, “कर्नाड का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण सुबह करीब 8.30 बजे घर में निधन हो गया।”
दिवंगत अभिनेता के परिवार में उनके बेटे रघु हैं, जो पेशे से लेखक और पत्रकार हैं।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, प्रसिद्ध कब्बन पार्क के करीब शहर के संपन्न क्षेत्र के लावेल रोड पर स्थित आवास में उनका निधन हो गया। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
छह दशकों के कार्यकाल में कर्नाड ने ज्यादातर मुख्यधारा और ऑफबीट शैली की कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में अभिनय किया था। इसके अलावा उन्होंने अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक आर. के. नारायण की रचना ‘मालगुड़ी डेज’ पर आधारित सीरियल के साथ ही कई अन्य टेलीविजन सीरियलों में भी काम किया था।
तत्कालीन बॉम्बे (मुंबई) के पास माथेरन में 19 मई सन 1938 में जन्मे कर्नाड की शिक्षा-दीक्षा कर्नाटक के तटीय शहर सिरसी में हुई थी। कर्नाड ने कई नाटकों को लिखने के साथ ही ‘तुगलक’ और ‘हयवदन’ जैसे नाटकों में अभिनय भी किया था।
उनके द्वारा लिखित आखिरी नाटक ‘राक्षस तांगड़ी’ था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी कुमारस्वामी, पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल-सेक्युलर सुप्रीमो ए.डी देवेगौड़ा और केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री डी. वी सदानंद गौड़ा ने उनके निधन पर संवेदना जताई है।