सडक किनारे धंधा करने वाले कारोबारियों की संख्या है 50 हजार से ज्यादा
भोपाल – आयकर विभाग ने राजधानी में सडक किनारे हाथ ठेला लगाकर चाय-पकौडे बेचने वालों की जानकारी मांगी है। नगर निगम से व्यावसायिक लाइसेंस गुमाश्ता ,लेकर कारोबार कर रहे इन कारोबारियों की संख्या 50 हजार से अधिक बताई जा रही है। विभाग को आशंका है कि इनमें बड़े पैमाने पर वे व्यापारी भी शामिल हैं
जिनका टर्नओवर बहुत ज्यादा है।
लेकिन वे स्वयं को सड़क किनारे दुकान चलाने वाले छोटे व्यापारी बताकर टैक्स नहीं दे रहे हैं। पिछले दिनों देश में कई जगह सड़कों पर चाय-पकौड़े और वड़ा-पाव बेचने वालों के पास से करोड़ों की आय होने की खबरें आई थी। इसलिए विभाग को इनसे बड़ा टैक्स मिलने की उम्मीद है। यह बात मप्र और छग के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त एके चौहान ने मीडिया से चर्चा में कही।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में इंदौर में नगर निगम से लाइसेंस लेकर काम कर रहे 1.67 लाख व्यापारियों को नोटिस भेजे गए थे। अब विभाग भोपाल में भी यही काम करेगा। विभाग को इस बार मप्र और छग के लिए 28,900 करोड़ रुपए का टैक्स संग्रह का लक्ष्य दिया गया है। यह पिछले साल से करीब 24 फीसदी ज्यादा है।
जुलाई तक इसमें से 4000 करोड़ रुपए का टैक्स मिला है
जो पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 के मुकाबले केवल 7.1 फीसदी ही ज्यादा है। जब प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त चौहान से पूछा गया था कि वे शेष अवधि में इतना बड़ा लक्ष्य कैसे हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि वे नए स्रोतों के जरिए 2500 करोड़ का टैक्स एकत्र करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इसमें सबसे अहम योगदान नगर निगम से लाइसेंस लेकर सड़क किनारे काम कर रहे व्यापारियों से आ सकता है।
मालूम हो कि मप्र में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में 24 हजार से अधिक कंपनियां पंजीकृत हैं।
इसमें 2300 कंपनियां ऐसी निकलीं, जो रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को हर साल रिटर्न फाइल कर रहीं हैं, लेकिन आयकर नहीं भरतीं। विभाग ने आईजी पंजीयन से प्रॉपर्टी में हुए सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी थी। 50 हजार में से 5000 से अधिक ट्रांजेक्शन एक करोड़ से अधिक के थे। इनसे प्रॉपर्टी का सोर्स और दिए गए टैक्स की जानकारी मांगी है। मप्र में 37 हजार लोगों ने जीएसटी का पंजीयन लिया है। वे कारोबार भी ठीक ठाक कर रहे हैं लेकिन टैक्स नहीं भर रहे। विभाग ने इनके टर्नओवर की जानकारी एकत्र की है। सबको नोटिस भेजकर टैक्स भरने को कहा जाएगा।