शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है। इसलिए इंसान आमतौर पर दिन में 2-3 बार खाना खाता है, ताकि शरीर में ऊर्जा का स्तर बना रहे।
इसमें सबसे जरूरी है सुबह का नाश्ता, क्योंकि रात के भोजन से मिली ऊर्जा और पोषक तत्वों को शरीर तमाम क्रियाओं में खर्च कर देता है, जिसके बाद उसे सुबह फिर से ऊर्जा की जरूरत पड़ती है, इसीलिए हमें भूख लगती है। सुबह ऑफिस जाना हो, स्कूल जाना हो या किसी काम से जाना हो, अकसर जल्दबाजी के कारण बहुत से लोग सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं।
शरीर पर तुरंत इसका प्रभाव भले न दिखाई दे, लेकिन सुबह का नाश्ता छोड़ना शरीर के लिए बहुत खतरनाक है।
कई लोग सोचते हैं कि कम खाने या न खाने से मोटापा घटता है, इसलिए वह डाइटिंग करते हैं, लेकिन सुबह का नाश्ता छोड़ देने या आधा-अधूरा करने से शरीर थुलथुला हो सकता है। यह मोटापे से भी खराब है, क्योंकि आमतौर पर मोटापे में पेट निकलता है या शरीर की चर्बी बढ़ती है, जबकि नाश्ता छोड़ने से होने वाले थुलथुलेपन में शरीर अंदर से कमजोर हो जाता है। अगर आप सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं, तो आपको दिनभर सुस्ती और थकान महसूस होगी, भले ही आपने खाने में भरपेट भोजन कर लिया हो।
असल में सुबह के समय पेट पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए तैयार होता है।
ऐसे में अगर आप नाश्ता छोड़ देते हैं तो इससे शरीर को दिन भर के काम के लिए ऊर्जा नहीं मिल पाती है और आपको दिनभर सुस्ती और थकान महसूस होती है। आपके खाने की आदत और सेहत का गहरा ताल्लुक है। जो लोग नाश्ता छोड़ देते हैं या जल्दबाजी में आधा-अधूरा करते हैं, उन्हें टाइप-2 डायबीटीज का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है और डिप्रेशन, टेंशन और बेचैनी हो सकती है। ब्लड शुगर के एक स्तर से ज्यादा गिर जाने से शरीर में एनर्जी लेवल प्रभावित होता है और इसके परिणाम घातक हो सकते हैं।
ब्लड शुगर लो होने को मेडिकल की भाषा में हाइपोग्लीसीमिया कहते हैं।
अगर आप सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं तो आपके ब्लड में शुगर लेवल बहुत ज्यादा गिर जाता है, क्योंकि आमतौर पर आपने 8-10 घंटे से कुछ नहीं खाया होता है। ब्लड शुगर का स्तर गिरने से आपके दिमाग में ऐसे हार्मोन्स का उत्सर्जन शुरू हो जाता है, जो सिर दर्द और तनाव के लिए जिम्मेदार होते हैं और आगे चलकर यह माइग्रेन में तब्दील हो सकते हैं। शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी नाश्ता न करने से प्रभावित होती है। भूखा रहने से आपके शरीर के अंदर की सेल्स डैमेज होने लगती हैं। इससे शरीर की इम्यूनिटी कम हो जाती है और शरीर पर वायरस, बैक्टीरिया, फंगस और संक्रमण से फैलने वाले रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इससे पाचन भी खराब हो सकता है और पेट संबंधी छोटी-मोटी समस्याएं भी हो सकती हैं।