प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि किसी भी प्रधानमंत्री के काम को नजरअंदाज नहीं किया जा
सकता और उनकी सरकार सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए म्यूजियम बनाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री
चंद्रशेखर के जीवन पर आधारित एक किताब के विमोचन पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक
जमात है जिसने कई पूर्व प्रधानमंत्रियों की छवि खराब की। उन्होंने कहा, ‘चंद्रशेखर को प्रयत्नपूर्वक
भुलाने का काम किया गया। देश आजाद होने के बाद बाबा साहब आंबेडकर,
सरदार वल्लभ भाई पटेल की क्या छवि बना दी गई।
लाल बहादुर शास्त्री अगर जीवित होते तो उनको भी न जाने क्या-क्या बना देते।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस किताब में चंद्रशेखर के जीवन के अलावा उस कालखंड की घटनाओं के बारे में भी बताया गया है।
हमारे देश में फैशन है कि लोगों को कुछ अधिकार मिले हैं।
आज छोटा-मोटा लीडर भी 10-12 किलोमीटर पदयात्रा करे तो अखबार में छपता है,
टीवी दिनभर चलाता है। चंद्रशेखर ने गांव गरीब किसान के लिए पदयात्रा की।
इस देश को जो गौरव देना चाहिए था नहीं दिया गया। हम चूक गए।
दुर्भाग्य यह है कि उनके विचारों पर किसी को ऐतराज हो सकता है लेकिन सोची
समझी रणनीति के तहत चंद्रशेखर जी की यात्रा को करप्शन के इर्द गिर्द चर्चा में रखा गया।’
संसद भवन लाइब्रेरी में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और रवि दत्त वाजपेयी की
पुस्तक ‘चंद्रशेखर- द लास्ट आइकान ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स’ का विमोचन
करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम किसी से पूछे कि देश में कितने प्रधानमंत्री हुए,
वे कौन कौन है, तब कम लोग ही इनके बारे में पूरा बता पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘देश के इन प्रधानमंत्रियों
को प्रयत्नपूर्वक भूला दिया गया, जबकि हर किसी का योगदान रहा।
लेकिन एक जमात है, कुछ लोग हैं जिनको सभी अधिकार प्राप्त है, रिजर्वेशन है।’
मोदी ने कहा कि देश में एक जमात ने डॉ आंबेडकर,
सरदार पटेल जैसी महान विभूतियों की प्रतिकूल छवि गढ़ने का प्रयास किया।
उन्होंने सवाल किया, ‘लाल बहादुर शास्त्री जीवित लौटकर आते तो यही जमात उनके साथ क्या क्या करती?
उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री के बारे में कि चर्चा कि गई कि वह क्या पीते हैं,
एक प्रधानमंत्री के बारे में धारणा बनाई गई कि वह बैठक में नींद लेते हैं ।
मोदी ने कहा, ‘आप सबके आशीर्वाद से मैंने ठान लिया है
कि दिल्ली में सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की स्मृति में एक बहुत बड़ा आधुनिक संग्रहालय बनाया जाएगा ।
’ उन्होंने इस संदर्भ में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा,
आई के गुजराल, चंद्रशेखर, डा. मनमोहन सिंह का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, ‘चंद्रेशेखर जी अटल जी को को हमेशा गुरुजी कहते थे।
वह सदन में भी बोलते थे तो कहते थे कि गुरुजी क्षमा करिए मैं आपकी आलोचना करना चाहता हूं।
उनके संस्कार और गरिमा प्रतिपल हमें प्रेरणा देते हैं। बागी बलिया की मिट्टी में आज भी वह खुशबू है।