अयोध्या राम जन्मभूमि केस को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने आज अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
(Supreme Court of India)चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाना आरंभ किया। सीजेआई ने शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज की। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सभी पांच जजों ने सर्वसम्मिति से फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज राम मंदिर (Ayodhya Ram Janmabhoomi case) के पक्ष में अपना फैसला सुनाते हुए विवादित स्थान से दूरी पर मस्जिद के लिए अलग जमीन देने का आदेश दिया। फैसले की शुरुआत में सीजेआई ने कहा कि 30 मिनट में पूरा फैसला पढ़ा जाएगा। सीजेआई ने कहा बाबर के समय मीर बाकी ने मस्जिद बनवाई थी।
1949 में दो मूर्तियां रखी गई थी। सीजेआई ने कहा कि बाबरी मस्जिद हिंदू स्ट्रक्चर के ऊपर बनाई गई। यह मस्जिद समतल स्थान पर नहीं बनाई गई। एसआई की खुदाई में 21वीं सदी में मंदिर के साक्ष्य मिले। सीजेआई ने कहा की खुदाई के साक्ष्यों को अनदेखा नहीं कर सकते हैं। खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले थे। सीजेआई ने यह भी कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू वहां राम चबूतरे और सीता रसोई पर पूजा होती रही थी।
सीजेआई ने कहा है कि एएसाई की खुदाई में जो चीजें मिली हैं उसे हम खारिज नहीं कर सकते हैं। सीजेआई ने कहा कि खुदाई से मिले दस्तावेजों को खारिज नहीं कर सकते हैं। कहा कि थोड़ी देर में तय हो जाएगा कि जमीन पर मालिकाना हक किसका है। सीजीआई ने कहा कि आस्था और विश्वास पर कोई सवाल नहीं है।
सीजेआई ने कहा श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था इसमें कोई शक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने रामलला को कानूनी मान्यता दी। सीजेआई ने कहा कि 1856 से 57 तक उस स्थान पर हिंदुओं को पूजा करने से रोका नहीं गया था। सदियों से हिंदुओं द्वारा वहां पूजा किए जाना यह साबित करता है कि उनका विश्वास है उस स्थान पर रामलला विराजमान है। सीजेआई ने कहा कि बाहरी प्रांगण में हिंदू पूजा करते रहे हैं।
हाईकोर्ट ने इस मामले के तीन हिस्से किए ये तार्किक नहीं है। केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर निर्माण की योजना बनाए। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाकर मंदिर बनाने की योजना तैयार करे। मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रामलला के पक्ष में सुनाया। मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए।